कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में जायसी को याद किया

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इंदौर। श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में कालजयी साहित्यकार 111 वाँ पोस्टर लोकार्पित किया। कार्यक्रम कीसंयोजिका डॉक्टर पदमा सिंह ने जायसी के विषय में बताते हुए कहा कि वह भक्ति जल थी प्रेम सही शाखा के महान सूफी संत कवि थे उनके काव्य में लौकिक प्रमाण ज्ञान अलौकिक रहमान यह व्यक्ति का साधन बनाएं प्रेम की पीर को आत्मा के कल्याण का मार्ग मानते हैं और कहा जाता है कि अमेठी के राजा को उनके आशीर्वाद से पुत्र प्राप्त हुआ था इसके बाद तो निश्चित महापुरुष माना जाने लगा अनेक चमत्कार की कथाएं भी उनके साथ जुड़ गई उनका षट ऋतु वर्णन प्रकृति चित्रण के आधार पर नागमती का विरह वर्णन भी उच्च कोटि का है। डॉ. सुनीता फडणवीस ने कहा कि वह प्रेम सौंदर्य के कवि थे।किशोर यादव ने जायसी पर कविता पढ़ी । डॉ. अखिलेश राव ने जायसी को प्रेम का कवि बताते हुए प्रकृति का कुशल चितेरा बताया । दिनेश तिवारी उपवन ने जायसी को निर्गुण धारा का प्रमुख कवि बताया। अरविंद जोशी ने उन्हें धैर्य का कवि बताया। कार्यक्रम में भरत कुमार, चित्रांगदा शर्मा रूप गिरेंद्र सिंह भदोरिया के जी इसी महेश लोग लोधवाल उपस्थित थे।

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