दिल्ली-NCR गैस चैंबर में तब्दील, कई इलाकों में AQI 500 के पार; लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी

नई दिल्ली। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते रविवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली समेत एनसीआर के शहर जहरीली हवा से परेशान रहे। आलम यह रहा कि देश के सर्वाधिक पांच प्रदूषित शहर भी एनसीआर के ही रहे। दिल्ली का एक्यूआइ तो दिसंबर माह में 11 सालों में दूसरा सर्वाधिक दर्ज किया गया। हाल फिलहाल इस स्थिति में बहुत सुधार के आसार भी नहीं लग रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार रविवार को दिल्ली का एक्यूआइ 461 दर्ज किया गया। शनिवार कों यह 431 था। यानी 24 घंटे के भीतर इसमें 30 अंकों की वृद्धि और हो गई। यह न सिर्फ इस मौसम और इस साल में दिल्ली का सबसे प्रदूषित दिन था, बल्कि अप्रैल 2015 यानी एक्यूआइ की शुरुआत के बाद से दिसंबर में वायु प्रदूषण का दूसरा सबसे खराब दिन भी था। दिसंबर में इससे अधिक प्रदूषण केवल 21 दिसंबर 2017 को दर्ज हुआ था, जब औसत एक्यूआइ 469 था।

सीपीसीबी के समीर एप के मुताबिक रविवार को दिल्ली के सक्रिय 39 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में 38 पर एक्यूआई 400 से ऊपर था। केवल शादीपुर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। वजीरपुर में एक्यूआई का स्तर 500 के अधिकतम स्तर पर पहुंच गया था (इससे ऊपर सीपीसीबी माप नहीं करता), जबकि अन्य केंद्र इसके करीब थे।

दिन भर में, रोहिणी में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 500 के पार पहुंच गया, जबकि उत्तरी दिल्ली में अशोक विहार (499), उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी (499) और पश्चिमी दिल्ली के मुंडका (499) भी इसके करीब थे। एनसीआर में भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की हवा ”गंभीर” जबकि फरीदाबाद और गुरुग्राम की ”खराब” दर्ज की गई।

विशेषज्ञों के अनुसार रविवार को भी राजधानी में धुएं की मोटी परत छाई रही, जिससे दम घुटने लगा। सांस लेना मुश्किल हो गया और आंखों में पानी आने लगा। हवा की रफ्तार और तापमान कम रहने के कारण प्रदूषक तत्व फंस गए और सतह से उनका फैलाव नहीं हो सका। पूर्वानुमानों के अनुसार, सोमवार दोपहर के बाद हवाएं तेज होने की संभावना है, लेकिन सुधार धीरे-धीरे ही होगा, यानी तुरंत राहत मिलने की संभावना नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार रविवार को भी राजधानी में धुएं की मोटी परत छाई रही, जिससे दम घुटने लगा। सांस लेना मुश्किल हो गया और आंखों में पानी आने लगा। हवा की रफ्तार और तापमान कम रहने के कारण प्रदूषक तत्व फंस गए और सतह से उनका फैलाव नहीं हो सका। पूर्वानुमानों के अनुसार, सोमवार दोपहर के बाद हवाएं तेज होने की संभावना है, लेकिन सुधार धीरे-धीरे ही होगा, यानी तुरंत राहत मिलने की संभावना नहीं है।

स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि शनिवार से पूर्वी दिशा से हवाएं चल रही थीं। शुक्रवार से हवा की गति भी काफी धीमी हो गई थी। हवा लगभग शांत थीं और तापमान भी कम ही था। नमी बढ़ने, खराब फैलाव और कोहरे के कारण वायु प्रदूषण और बढ़ गया। आमतौर पर जब धूप निकलती है तो हवाएं तेज होने पर एक्यूआइ में सुधार होता है, लेकिन रविवार को ऐसा नहीं हुआ। हवा की रफ्तार भी पांच से छह किमी/घंटे से अधिक नहीं हुई।

इस वृद्धि के बावजूद, दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि सोमवार को एक्यूआई में सुधार हो सकता है और यह ”बहुत खराब” स्तर तक पहुंच सकता है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 15 से 17 दिसंबर तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना है। अगले छह दिनों (18 दिसंबर से) के लिए भी पूर्वानुमान यही है कि वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगी।