*हजारो लोगो ने लिया नशामुक्ति का संकल्प।*
*शरद पूर्णिमा पर धावडी में हुआ शिवपंथ सत्संग मेले (पिंड)का आयोजन।*
*बड़वानी /धनोरा*
*कपिलेश शर्मा एवं प्रतीक सोलंकी की खास रिपोर्ट-*
13 किमी दूर समीप के ग्राम धावडी में शरद् पूर्णिमा के अवसर पर वृहद शिवपंथ सत्संग मेले का आयोजन किया गया जिसमे गुरुवर्य वनसिंग बाबा गुरुवर्य सुरेखा माता महामण्डलेश्वर संत सुरेशानंद सरस्वती एवं श्री श्री 1008 शक्तिमाता नंदुरबार के द्वारा भजन प्रवचन किया गया।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र सहित आसपास के 50 हजार से ज्यादा लोगो ने शामिल होकर सत्संग प्रवचन का लाभ लिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से नशामुक्ति का संकल्प दिलाया गया ग्रामीण क्षेत्रो से आये हजारो ग्रामीणों ने शिवपंथ सत्संग के माध्यम से गुरुदीक्षा लेकर नशामुक्ति का संकल्प लिया।धावडी क्षेत्र में शिवपंथ का विशाल सत्संग मेले का पहली बार आयोजन होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण शिरकत करने पहुंचे।मंच पर विराजित गुरुवर्य सुरेखा माता, महामण्डलेश्वर संत सुरेशानंद सरस्वती एवं श्री श्री 1008 शक्तिमाता नंदुरबार के द्वारा भजन प्रवचन किया गया।शिवपंथ सत्संग समिति से जुड़े लोग भी इस दौरान मौजूद रहे। जिला पंचायत सदस्य विकास आर्य भी सत्संग में पहुंचे और गुरुवर्य सुरेखामाता से आशीर्वाद लिया। 3 एकड़ क्षेत्र में बने सत्संग पांडाल में लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी लोगो को प्रवचन सुनने के लिए और गुरुवर्य सुरेखामाता के दर्शन के लिए आयोजन समिति द्वारा दो एलईडी भी लगवाई गई थी। रात 10 बजे से शुरू हुआ सत्संग प्रवचन का कार्यक्रम अलसुब तक चलता रहा। अलसुबह तीन बजे बाद गुरुदीक्षा और गुरुपद लेने वाले शिष्यो को जनेऊ धारण करवाया गया।हजारो लीटर दूध से बनी खीर प्रसादी का वितरण किया गया। प्रवचन के दौरान गुरुवर्य सुरेखा माता ने सम्मेलन में वनवाशी बन्धुओ को नशे से दूर रहने की बात कहते हुए कहा की नशा हमारे शरीर के नुकशान के साथ ही परिवार का भी नाश करता है। तुम्हारे और तुम्हारे परिवार का जीवन सुधारना है तो नशे को समाज से दूर भगाना होगा आज सभी यहा से संकल्प ले की नशे का त्याग कर नशे से दूर रहेंगे।
आयोजन में आये हजारो लोगो के लिए चावल से बनी खिचड़ी प्रसादी का वितरण भी हुआ।गुरुवर्य सुरेखामाता एवं श्री श्री 1008 सुरेशानन्द सरस्वती में 1500 पुरुष और 1 हजार महिलाओ को गुरुदीक्षा दी। दस लोगो ने गुरुपद धारण करने के लिए अपने नाम दिए लेकिन उन्हें गुरुपद धारण करने के पहले नियम पालन करने के लिए कहा गया। शिवपंथ सत्संग समिति के सचिव उत्तम महाराज ने बताया की गुरुपद धारण करने वाले शिष्यो को सवा माह(38दिन) ब्रह्मचारी व्रत का पालन करना होगा।इस ब्रह्मचारी कठोर तप साधना के साथ इनकी परीक्षा ली जायेगी इस तप को सफल करने के बाद ही इन्हें शिष्य बनाकर गुरुपद दिया जाएगा। इस दौरान पहाड़सिंग महाराज,दशरथ महाराज सहित आयोजन समिति के लोग उपस्थित थे।