नईदिल्ली। ललित कला अकादमी में रचनात्मकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माहौल उस समय जीवंत हो उठा जब “लुक्स फ्रॉम द ईस्ट” प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। यह अनूठी प्रदर्शनी भारतीय रेलवे की वरिष्ठ अधिकारी हर्षा दास की हुआनियाओ पेंटिंग्स को समर्पित है। उद्घाटन समारोह में माननीय विदेश राज्यमंत्री श्री पबित्रा मार्गरीटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ कई देशों के राजनयिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कला प्रदर्शनी का हिस्सा बने।
हर्षा दास, जो वर्तमान में उत्तर रेलवे में मुख्य कार्मिक अधिकारी (Chief Personal Officer) के रूप में कार्यरत हैं, यह साबित करती हैं कि जुनून और समर्पण के बल पर कोई भी व्यस्त पेशेवर ज़िम्मेदारियों से परे अपनी कला को जीवन दे सकता है। अपने व्यस्त कार्यकाल के बावजूद, उन्होंने ताइपे में अपने समय के दौरान चीनी स्याही पेंटिंग तकनीक में महारत हासिल की।
उनकी हुआनियाओ शैली की यह संग्रह प्रदर्शनी, इस कला के प्रति उनके गहरे जुड़ाव और पूरब की सांस्कृतिक सुंदरता को दर्शाती है। उनकी पेंटिंग्स प्रकृति के सौंदर्य और सामंजस्य को जीवंत रूप से प्रस्तुत करती हैं, जो इस शैली की नाज़ुकता और सटीकता को बख़ूबी दर्शाती हैं।
समारोह में अपने विचार साझा करते हुए हर्षा दास ने कहा, “कला मेरी आत्मा की अभिव्यक्ति है। हुआनियाओ पेंटिंग्स के साथ मेरा यह सफ़र व्यक्तिगत और समृद्ध करने वाला रहा है, जो संस्कृतियों और परंपराओं को जोड़ता है।”
यह प्रदर्शनी भारतीय कला और वैश्विक तकनीकों के संगम को रेखांकित करती है और पेशेवर ज़िम्मेदारियों के बीच भी अपने जुनून को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती है। “लुक्स फ्रॉम द ईस्ट” प्रदर्शनी सीमित समय के लिए ललित कला अकादमी में जनता के लिए खुली रहेगी, जो कला प्रेमियों को समर्पण और सृजनशीलता का यह अद्भुत संगम देखने का अवसर प्रदान करती है।