
लघुकथा तो साहित्य का वामन अवतार- श्री उपाध्याय
इन्दौर। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर साहित्य की महनीय विधा लघुकथा पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा लघुकथा मंथन 2025 का आयोजन इंदौर प्रेस क्लब में किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकान्त नागर एवं प्रताप सिंह सोढ़ी को जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रान्त सह संपर्क प्रमुख विनय पिंगले ने कहा ‘हिन्दी का बाज़ार है और राष्ट्र वंदना का स्वर है भाषा। इस भाषा के विस्तार के लिए भारतीयों को जागरुक रहना होगा।’
सत्र की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार नर्मदाप्रसाद उपाध्याय ने कहा कि ‘लघुकथा अगस्त मुनि की भाँति साहित्य के सागर को अपनी अंजुरी में भर कर समाज का कल्याण करती है। यह साहित्य का वामन अवतार है। लोकजागरण के लिए जातक कथाओं से यह समाज प्रेरणा लेता रहा है। यह किंवदंती और कथाओं का देश है इसलिए लघुकथा लोकप्रिय है।’

साथ ही, विशिष्ट अतिथि कहानीकार डॉ. स्वाति तिवारी ने कहा कि ‘लघुकथा की तीर्थयात्रा है इन्दौर यानी स्थायी पता है। लघुकथाओं को आलोचकों ने स्थान नहीं दिया।’

दूसरे सत्र की मुख्य अतिथि कान्ता रॉय ने शोध आयामों पर बात करते हुए कहा कि ‘शोध के क्षेत्र में लघुकथा चुनौतियों से जूझ रही है, इस विधा में आलोचनात्मक अध्ययन की आवश्यकता है।’
विशिष्ट अतिथि डॉ. मौसमी परिहार ने कहा कि ‘लघुकथा को रील का संगम मिलना इसका सार है, रील से लघुकथाकारों को वित्तीय मदद भी मिलती है।’ अध्यक्षता कर रही डॉ. पद्मा सिंह ने कहा कि ‘लघुकथा में व्यंग्यात्मकता होनी चाहिए।’
तृतीय सत्र में मुख्य अतिथि सूर्यकान्त नागर संबोधित करते हुए बोले कि ‘लघुकथा के आलोचकों को भाव एवं कला पक्ष का ध्यान रखना चाहिए।’
इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे घनश्याम मैथिल ने कहा कि ‘लघुकथा विधा को विवादों से बचाना होगा।’

सत्र में इन्दौर से डॉ. शशि निगम ने मालवी, डॉ. सुधा चौहान ने बुंदेली, महेश्वर से विजय जोशी ने निमाड़ी लघुकथा के साथ भोपाल से मुज़फ्फर इक़बाल सिद्दकी, मेधा मैथिल, डॉ. शबनम सुलताना, डॉ. वर्षा ढोबले, वंदना अतुल जोशी, सतीशचंद्र श्रीवास्तव, डॉ. गिरिजेश सक्सेना व इन्दौर से डॉ. अखिलेश शर्मा व रमेशचंद्र शर्मा व सुषमा व्यास राजनिधि ने लघुकथा पाठ किया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने दिया। संचालन डॉ. अखिलेश राव ने व आभार कवि पारस बिरला ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने दिया। संचालन डॉ. अखिलेश राव ने व आभार कवि पारस बिरला ने व्यक्त किया।
इस मौके पर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, राजेश यादव, डॉ. कमल हेतावल, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितेश गुप्ता, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. नीना जोशी, शिशिर उपाध्याय, मुकेश तिवारी, ज्योति जैन, विनीता तिवारी, कीर्ति मेहता, लक्ष्मीकांत पण्डित, देवेंद्र सिंह सिसौदिया, महेंद्र सांघी, डॉ. पुरुषोत्तम दुबे, शीला चंदन, भुवनेश दशोत्तर, संध्या राणे, शीला चंदन, चेतन जोशी, श्यामसिंह आदि मौजूद रहे।