शारदीय नवरात्रि आज से शुरू, होगी घट स्थापना, आराधना के पर्व में होंगे गरबे

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हिंदू धर्म में देवी पूजा का विशेष महत्व है। साल में चार बार नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है,जिसमें चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि शामिल हैं। नवरात्रि के मौके पर  नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है। पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। इस दौरान देवी मां को घर के मंदिर में विराजमान किया जाता है, जो नौ दिनों तक घर में वास करती हैं। इस दौरान लोग उपवास करते हैं।
चारों नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि इसके बाद से ही त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्तूबर 2024 से मनाई जा रही है, जिसका समापन 11 अक्तूबर नवमी तिथि होगा। आइए जानते हैं नवरात्रि का पावन पर्व 9 दिनों का ही क्यों होता है और इस दौरान देवी दुर्गा के किन नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

*कब मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि*

हिंदू मान्यता के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 3 अक्तूबर, गुरुवार से शुरू होकर 11 अक्टूबर, शुक्रवार तक मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि का समापन नवमी तिथि को होता है और उसके अगले दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है, जो इस बार 12 अक्तूबर को है।

*नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?*
*श्रीराम से जुड़ी कथा*

प्रचलित कथा है कि भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम ने शारदीय नवरात्रि की शुरुआत की थी। जब वे माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिए युद्ध कर रहे थे, तब उन्होंने रामेश्वरम में समुद्र के किनारे माता शक्ति की 9 दिनों तक पूजा की थी। दसवें दिन, श्रीराम ने रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की। इसलिए दशहरे के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है।

मां दुर्गा से जुड़ी कथा

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस को भगवान ब्रह्मा से यह वरदान मिला था कि उसे कोई देवता, दानव या मनुष्य नहीं मार सकता। इस वरदान के कारण महिषासुर ने पृथ्वी पर बहुत आतंक मचाया। उसे खत्म करने के लिए मां दुर्गा का जन्म हुआ। नौ दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध चला और अंत में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया।

*देवी के नौ स्वरूप जिनकी पूजा होती है:*
मां शैलपुत्री
मां ब्रह्मचारिणी
मां चंद्रघंटा
मां कुष्मांडा
मां स्कंदमाता
मां कात्यायनी
मां कालरात्रि
मां महागौरी
मां सिद्धिदात्री

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