ऋण खातों की सूची प्रदर्शन के कारण ही फर्जी मामले उजागर होना सम्भव 

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ऋण खातों की सूची प्रदर्शन के कारण ही फर्जी मामले उजागर होना सम्भव

हरदा /- कलेक्टर श्री एस विश्वनाथन ने कहा है कि जय किसान फ़सल ऋण माफ़ी योजना में जितने भी किसानों ने सहकारी समितियों से या सहकारी बैंक से ऋण नहीं लेने पर भी प्रदर्शित सूचियों में ऋण राशि होने का गुलाबी आवेदन दिया है ऐसे सभी प्रकरणों की ५ फ़रवरी (आवेदन की अंतिम तिथि) के तत्काल बाद लिस्ट तैयार की जावेगी।किसानों के नाम पर धोखाधड़ी या फ़र्ज़ी लोन निकालने वालों के विरुद्ध सहकारिता विभाग द्वारा आपराधिक कार्यवाही जँचोपरांत कराई जावेगी। योजना में ऋण खातों की सूची प्रदर्शन के कारण ही ऐसे मामले उजागर होना सम्भव हो सके हैं।बैंक से प्राप्त मास्टर डेटा शीट के आधार पर तैयार हरी (आधार कार्ड प्रमाणित) और सफ़ेद (ग़ैर-आधार कार्ड प्रमाणित) सूची में नाम या ऋण राशि या अन्य जानकारी से सहमति नहीं होने या दोनो लिस्ट में नाम नहीं होने पर ऐसे किसानों के गुलाबी फ़ॉर्म भरे जा रहे हैं। ऋण राशि अधिक होने के किसान के गुलाबी आवेदन पर ब्रांच में दोबारा ऑनलाइन पोर्टल पर रीकोर्ड की चेकिंग करने और ऋण माफ़ी की सत्यापित राशि माफ़ करने का प्रावधान है। इसलिए यह निष्कर्ष निकाल लेना की प्रदर्शित सूची के आधार पर ही ऋण राशि माफ़ होगी सही नहीं है। सम्पूर्ण आवेदन भरवाने का आधार ही सूची सार्वजनिक कर दावे आपत्ति लेना है। सभी पात्रता रखने वाले किसानों के फ़सल ऋण की राशि जय किसान फ़सल ऋण माफ़ी योजना में नियमानुसार आवश्यक रूप से माफ़ किए जाने की व्यवस्था है।

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