*कटी फसल की गिरी में लगी आग , लाख रुपये की फसल का नुकसान का अनुमान*
सेंधवा-
आदिवासी किसान की कटी फसल की गरी में आग लगने से करीब लाख रुपए के नुकसान को सम्भावना जताई गई है। शहर से पहुँचे 2 अग्निशमन वाहनों द्वारा आग पर काबू पाया गया। लेकिन आग बुझने तक पूरी फसल जलकर खाक हो गई। अभी तक आग लगने के कारण का पता नही चल सका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर से 4 किमी दूर स्थित ग्राम खेड़ी के सरपंच फलिया स्थित भंगिया पिता खूमसिंह ने साढ़े 14 एकड़ खेत मे लगी सोयाबीन, उडद और ज्वार की फसल काट कर खेत मे ही गाड़ी बनाकर रखी थी। भंगिया अपने पूरे परिवार सहित खेत मे ही मकान बना कर रहता है। शनिवार सुबह 9 बजे अचानक देखा कि खेत मे रखी कटी फसल में आग लग गई है। वो घर से खेत में पहुंचा, जहां ट्यूबवेल है। लेकिन बिजली नही होने से आग नही बुझा सका। तब तक किसान के तीनों लड़के जिरभान, इरभान व सिरसा जो साथ ही रहते है खेत पर पहुंचे। इसके करीब आधे घंटे बाद शहर से अग्निशमन वाहन मौके पर पहुंचे। जिनकी मदद से आह पर काबू पाया गया। आग की खबर लगते ही आसपास रहने वाले किसान एवं किसान के तीनों लडको के 14 बच्चे भी पहुंचे। और गरी को खोल खोल कर बुझाने में मदद की।
किसान भंगिया ने बताया कि सारा परिवार खेत मे ही बने मकान में रहकर खेती कार्य करता है। फसल में लगी आग देखकर ट्यूबवेल चालू करने गए लेकिन रात्रि 12 बजे से सुबह 6 बजे तक ही बिजली रहती है। इस समय बिजली सप्लाई बंद होने के कारण, घर मे रखे बर्तनो से परिवार एवं परिचित किसानों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन आग बहुत तेज थी।
किसान भंगिया पर बैंक का करीब तीन लाख रुपए का कर्ज होने के साथ ही। फसल के लिए भंगिया द्वारा अपने परिचित बड़े किसान से 4 लाख रुपयों का कर्ज भी ले रखा है। जिन्हे फसल बिकने पर लौटाना था। लेकिन आग ने पूरी फसल बर्बाद हो गई।
किसान के बेटे जिरभान ने बताया कि खेत मे घर के पास गरी लगाई गई थी। लेकिन आग से करीब 35 क्विंटल सोयाबीन, 15 क्विंटल उड़द और 15 क्विंटल ज्वार की फसल खाक हो गई। जिसकी अनुमानित लागत 2 लाख से ऊपर बताई गई है। दो अग्निशमन वाहनों से आग पर करीब एक घन्टे में काबू पाया गया।