देवास, 29 अक्टूबर 2018/ आप सभी मतदान की बारीकियों को अच्छी तरह से समझ लें। कोई भी समस्या आती है तो उसका निराकरण करना सुनिश्चित कर लें। निर्वाचन एक बड़ी चुनौती है, लेकिन उसे अच्छी तरह से समझ लेंगे तो यह सुगम हो जाएगी। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने सोमवार को शासकीय कन्या महाविद्यालय में मतदान दलों के पीठासीन अधिकारियों के प्रशिक्षण के अंतिम दिन कही। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत राजीव रंजन मीणा, डॉ. एसपीएस राणा एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे मतदान प्रक्रिया को अच्छी तरह समझ लें। ईवीएम व वीपीपेट मशीन को संचालित कर देख लें और यदि कोई कठिनाई तो इसका निवारण भी कर लें। प्रशिक्षण के दौरान मतदान संबंधी प्रक्रिया को बारीकी से समझाया गया। पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के बारे में विस्तार से समझाया गया। पीठासीन अधिकारी मतदान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तरदायी होगा। मतदान केंद्र पर नियंत्रण व अनुशासन बनाकर रखेगा। मतदान केंद्र के 100 मीटर व 200 मीटर दायरे की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। सेक्टर अधिकारी व रिटर्निंग अधिकारी से सतत संपर्क बनाकर रखेगा। मतदान अधिकारी क्रमांक-1 के पास चिंहित प्रति रहेगी।
प्रशिक्षण में बताया गया कि वे मतदाता का नाम पुकारेंगे व पहचान सुनिश्चित करेंगे। मतदान अधिकारी क्रमांक-2 के पास प्रारूप 17 (क) में रजिस्टर रहेगा, जिसमें वह मतदाता की विभिन्न इंट्रियां करेगा तथा हस्ताक्षर/अंगूठा का निशान लेगा। मतदाता को पर्ची बनाकर देंगे तथा बाएं हाथी अंगुली में स्याही लगाएंगे। मतदान अधिकारी क्रमांक-3 कंट्रोल यूनिट का प्रभारी होगा, वह मतदाता पर्ची एकत्रित करेगा तथा कंट्रोल यूनिट से बटन दबाकर बैलेट ईश्यु करेगा।
मॉकपोल मतदान से एक घंटे पूर्व शुरू होगा
मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षण में बताया कि मॉकपोल मतदान से एक घंटे पूर्व शुरू होगा। मॉकपोल मतदान अभिकर्ताओं से समक्ष किया जाएगा। यदि मतदान अभिकर्ता समय पर नहीं पहुंचते हैं तो पीठासीन अधिकारी अधिकतम 10 मिनिट तक इंतजार करेंगे। उसके बाद मॉकपोल की कार्यवाही की जाएगी। मॉकपोल के प्रारंभ में वीवीपेट का ड्रापबॉक्स खाली है को दिखाया जाएगा। उसके बाद सभी अभ्यर्थियों व नोटा सहित कम से कम 50 मत अभिकर्ताओं से डलवाए जाएंगे तथा डाले गए मतों को नोट भी किया जाएगा कि किस अभ्यर्थी को मॉकपोल में कितने मत डाले गए हैं। मॉकपोल में मत डालने के बाद ड्राप बाक्स से पर्चियां निकाली जाएंगी, जिनमें सात पर्चियां डायग्नोस्टिक होंगी। इनको नहीं गिना जाएगा। फिर शेष पर्चियां अभ्यर्थीवार जमा ली जाएंगी और उनको गिनकर नोट किए गए मतों से मिलान किया जाएगा। इसके बाद कंट्रोल यूनिट की क्लोज बटन दबाकर रिजल्ट देखा जाएगा, जो क्रम से अभ्यर्थीवार प्रदर्शित होगा। फिर कंट्रोल यूनिट पर प्रदर्शित रिजल्ट को मत पर्चियों से मिलान किया जाएगा। इस प्रकार मॉकपोल की प्रक्रिया पूरी होगी।
ईवीएम को ऑपरेट कर सिखाया
रिजल्ट के बाद मशीन को क्लीयर किया जाएगा और देखा जाएगा कि अभ्यर्थियों के आगे शून्य-शून्य प्रदर्शित हो रहा है। इसके बाद मशीन को स्वीच ऑफ कर विधिवत सील किया जाएगा। मशीन को सील करने के उपरांत उसे स्वीच ऑन कर वास्तविक मतदान प्रारंभ होगा। प्रशिक्षण में ईवीएम मशीन को सील करने की प्रक्रिया भी विस्तार से समझाई। इसके अलावा कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट तथा वीवीपेट का आपसी संयोजन भी सिखाया गया। ईवीएम मशीन को पीठासीन अधिकारी तथा मतदान अधिकारी क्रमांक-1 से ऑपरेट कराकर भी प्रेक्टिकली सिखाया गया।
क्रमांक-235/1956-29-10-2018 (फोटो-संलग्न)
मतदान दलों के पीठासीन अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण प्रशिक्षण के अंतिम दिन कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने पीठासीन अधिकारियों को दिए निर्देश
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