अदालत से मिला बाहरवाली को घरवाली होने का अधिकार
सोशल मीडिया पर फ्लर्ट करना पड़ा महंगा, पिता पुत्र के खिलाफ प्रकरण दर्ज
(डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’)
इंदौर। आए दिन सोशल मीडिया पर लड़कियों, महिलाओं के साथ चेटिंग के माध्यम से फ्लर्ट कर शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण करने वालो को इंदौर की एक अदालत ने कड़ा सबक दिया हैं। अदालत ने झूठ बोलकर प्रेम संबंध बनाने वाले प्रेमी को पीड़िता का पति मानते हुए उसके तथा अपराध में बेटे का साथ देने वाले पिता के खिलाफ भी घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज कर लिया हैं। आरोप हैं कि अपनी पहली जीवित पत्नी को मृत बताकर धोखा देकर पीड़िता के साथ संबंध बनाये थे।
इंदौर जिला सत्र न्यायालय के समक्ष इंदौर निवासी मधु (परिवर्तित नाम) ने भरत सिंह धाकड़ निवासी लिंबोदी पर आरोप लगाया कि भरत सिंह धाकड़ निवासी श्री कृष्ण एवेन्यू लिम्बोदी इंदौर ने सोशल मीडिया फेसबुक पर जानपहचान कर दोस्ती करी, और भरत ने उसकी पत्नी की पूर्व में मौत होना बताकर पीड़िता से शादी करने का कहते हुए, भरत ने पीड़िता को अपने जमानिया खुर्द फार्म हाउस पर ले जाकर पीड़िता का यौन शोषण करने शुरू कर दिया और पीड़िता के द्वारा भरत से शादी करने का कहने पर गुपचुप तरीके से मंदिर में लेजाकर शादी कर ली और उसके बाद से ही पीड़िता को समाज के सामने बाद में अपनाने का कहते हुए पीड़िता को गुपचुप तरीके से साथ रख शोषण करता रहा। .
इसी दौरान भरत को किसी महिला से फोन पर बात करते हुए पकड़ा तो पीड़ित को पता चला कि भरत की पत्नी मरी नही बल्कि जिंदा है और भरत के साथ ही अन्य जगह रहती है। जिसके बाद पीड़िता ने भरत को ससुरालजनों व समाज के सामने खुल कर साथ रख अपनाने की बात रखने पर भरत ने इनकार कर दिया जिसके थाना खुड़ैल ने पीडिता की रिपोर्ट दर्ज कर भरत को गिरफ्तार कर,कोर्ट ने भरत को जेल भेज दिया। जिसके बाद भरत के पिता दिलीप सिंह ठाकुर ने पीड़िता को दूसरी बहु के रूप में मानते हुए और पूर्व पत्नी ने पीड़ित को भरत के साथ रखने के रूप में आपत्ति ना होने की लिखा पड़ी कर,पीड़िता से कोर्ट केस में राजीनामा लेने के बाद भरत के साथ पीड़िता को रखने का हवाला दिया जिस पर पीड़िता की आंखों ने भरत के साथ रहने के सपने संजोते हुए केस में राजीनामा लेते हुए कोर्ट केस का निराकरण करवा लिया। किन्तु भरत के जेल से बाहर आने के बाद से ही भरत और उसके पिता दिलीप सिंग ने पीड़िता से दूरी बनाते हुए पीड़िता को बहु के रूप में अपनाने से मना कर दिया,और पीड़िता के भरत के साथ पूर्व ने रहने, घूमने-फिरने,खाने,पीने के फोटो से,बाहर वाली नामक औरत के रूप में दुष्पचारित कर पीड़ित को बदनाम करना शुरू कर दिया।
न्यायलय की शरण में पीड़िता
अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे के माध्यम से पीड़ित ने घरेलू हिंसाओ से महिलाओ का संरक्षण अधिनियम में याचिका बीती 25 जुलाई को जेएमएफसी साक्षी कपूर की अदालत से गुहार लगायी। पीड़िता ने मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ससुराल पक्ष के विरुद्ध घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज करने की प्रार्थना की। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुये एक महिला एवं बाल विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिये।
अदालत ने पिता-पुत्र पर दर्ज किया मामला…
अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे के अनुसार महिला बाल विकास अधिकारी की जांच में महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपो की पुष्टि हुई हैं। जांच में ये बात भी सामने आयी हैं कि पीड़िता को दूसरी पत्नी का अधिकार दिए जाने का वादा कर, उससे समझौता किया गया। कोर्ट ने पीड़ित को दूसरी पत्नी का अधिकार देते हुये पति भारत सिंह और पति के पिता दिलीप सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
अदालत ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट पर और पीड़िता के अधिवक्ता श्री कुन्हारे के तर्कों को सुनने के बाद पति भरत ससुर दिलीप सिंह के विरुद्ध घरेलू हिंसावो से महिलाओ को संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत केस दर्ज करने के पर्याप्त आधार होने की टिप्पणी के साथ ससुरालजनों विरुद्ध केस दर्ज करने के आदेश देते हुए नोटिस जारी कर ससुरालजनों को दिनांक 10 सितंबर 2018 को कोर्ट में तलब किया। उधर कुटुम्ब न्यायालय इंदौर ने भी पीड़िता के द्वारा पत्नी के रूप में लगाये गए भरण पोषण के आवेदन पर पति के रूप भरत के विरुद्ध भरण पोषण का प्रकरण दर्ज कर भरत को नोटिस जारी जारी कर तलब किया।
सावधान ! अब नहीं कर सकोगे शादी के झांसा देकर महिलाओं से छल
सोशल मीडिया फेसबुक पर अपनी वैवाहिक जीवन साथी की सही जानकारी छुपाकर, नई महिला मित्रो के साथ यौन शोषण करने वालो के लिए अदालत का यह फैसला खतरनाक साबित हो सकता है। पीड़िता को अब नही बोल सकेंगे बाहर वाली,उसे भी घरवाली के रूप भरण,पोषण,निवास आदि एवं प्रताड़ना से संरक्षण के लिए कानूनन केस दर्ज कराने का अधिकार हैं। इस तरह के कई मामले आए दिन सामने आते है जिनमे सोशल मीडिया पर महिलाओं को चेटिंग के माध्यम से जुड़ कर बहला फुसला कर शारीरिक संबंध बना कर लोगो महिला को बाहरवाली का दर्जा देकर यौन शोषण भी करते है, पर इंदौर न्यायलय की इस पहल से महिलाओं को उनके अधिकार भी मिलेंगे और सोशल मीडिया के माध्यम से बहला-फुसला कर दैहिक शोषण करने वालों पर लगाम भी लगेगी।
क्या कहता है कानून
हिन्दू मैरिज एक्ट में एक पत्नी के होते दूसरी को इस तरह रखने की इजाजत नहीं है। इस तरह का मामला संज्ञान में आने पर पुलिस को अपनी तरफ से जांच कर कार्रवाई करने का अधिकार है। परन्तु उच्चतम न्यायलय में वर्ष २०१४ में एक बादशाह विरुद्ध उर्मिला प्रकरण में हुए निर्णय के अनुसार जिस तरह एक महिला अपनी पत्नी की जानकारी छुपा कर अनैतिक सम्बन्ध बनाने और शादी करने के मामले में दूसरी महिला को वैधानिक पत्नी का अधिकार दिया गया है, जिस तरह व्यक्ति द्वारा किसी महिला से पूर्व विवाह की बात छुपा कर किसी अन्य स्त्री से विवाह कर लेने पर कानून ने पति पर भादवी धारा ४९३ ४९४ और ४९५ के तहत सजा का प्रावधान भी किया है। इस प्रकरण में बादशाह विरुद्ध उर्मिला प्रकरण के आलोक में फैसला हुआ है। कृष्ण कुमार कुन्हारे ( अधिवक्ता )