जम्मू। प्रशासन ने उन कश्मीरी नेताओं को अगले सप्ताह रिहा करने का फैसला किया है, जिन्होंने सशर्त रिहाई की खातिर बांड भरकर दे दिए हैं। करीब आधा दर्जन फिर भी नहीं माने हैं।
प्रशासन उनके कारण परेशान है क्योंकि उनको कहां रखा जाए का सवाल उसे इसलिए कचोट रहा है क्योंकि उनकी सेहत खराब होती जा रही है। इन नेताओें की रिहाई की खबर के बीच एक खबर यह भी है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद को नजरबंद कर दिया है।एमएलए होस्टल में बीते एक माह से बंदी बनाकर रखे गए 5 से 6 नेताओं को छोड़ अन्य सभी को जल्द ही सशर्त रिहा करने के विकल्प पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है।
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मार्च से पहले रिहाई की संभावना भी न के बराबर व्यक्त की जा रही है।पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों के अलावा गैर भाजपा दलों से जुड़े मुख्यधारा की राजनीति करने वाले सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं।