31 जुलाई तक बोरिंग लगाने पर प्रतिबन्ध, कलेक्टर ने किए आदेश जारी।

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कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने नलकूप खनन पर लगाया प्रतिबंध
देवास 31 दिसम्बर 2018/ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने जिले में औसत वर्षा की तुलना में 37.5 प्रतिशत वर्षा कम होने से भू-जल स्तर में आवश्यक बढ़ोत्तरी नहीं होने के कारण पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुए जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। साथ ही उन्होंने संपूर्ण जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध भी लगाया है। उक्त प्रतिबंध मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा के अंतर्गत लगाया गया है। उक्त आदेश 31 जुलाई 2019 तक प्रभावशील रहेगा।
कलेक्टर डॉ. ने आदेश जारी किया है कि प्रतिबंध के अनुसार पेयजल हेतु आवश्यकता पड़ने पर ही नलकूप खनन की अनुमति दी जा सकेगी। कृषि प्रयोजन के लिए नलकूप खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनुमति उसी स्थिति में दी जाएगी, जब ग्राम में नलजल योजना न हो या अपेक्षित स्थान से नजदीक कोई सार्वजनिक स्त्रोत जैसे हैंडपंप, कुआं आदि न हो, 150 मीटर की त्रिज्या में नलकूप या कुआं स्थित न हों। जारी आदेश में उल्लेख है कि अनुमति देने के पूर्व यह देखा जाएगा कि नलकूप खनन से आस-पास के जल स्त्रोतों पर विपरित प्रभाव न पड़े, नलकूप की गराई सीमा भी ऐसी रखी जाने के लिए कहा जाएगा। जिससे कि समीपवर्ती नलकूपों पर उसका प्रभाव न पड़े।
उन्होंने नलकूप खनन की अनुमति के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है। सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से तकनीकी रिपोर्ट एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत ही अनुमति दे सकेंगे। निस्तार को छोड़कर अन्य प्रयोजनों के लिए जल उपयोग पर प्रतिबंध कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने जिले में अल्प वर्षा होने के कारण वर्तमान जल स्त्रोतों से पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों के लिए जल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। उक्त प्रतिबंध जिले में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुए लगाया गया है। आयुक्त नगर निगम देवास उनके द्वारा दी गई अनुज्ञा की सूचना अनुविभागीय दंडाधिकारी देवास को खनन के पूर्व प्रदान करेंगे।
कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत जिले के सभी जल स्त्रोतों यथा बांध, नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील जलाश्य, नालाबंधान, नलकूप या कुओं से किसी भी साधन से घरेलू प्रयोजन व निस्तार को छोड़कर सिंचाई या औद्योगिक, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिए (पूर्व से अनुमति प्राप्त को छोड़कर) जल उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन पर भी प्रतिबंध लगाते हुए जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप या बोरिंग मशीन (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेंगी और न ही खनन करेगी। उक्त प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास या 2 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। उक्त आदेश 31 जुलाई 2019 तक प्रभावशील रहेगा।

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