खत्म नही होता पानी कुत्ता बावड़ी का , बंजारे ने अपने कुत्ते की याद में बनवाई थी बावडी

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खत्म नही होता पानी कुत्ता बावड़ी का , बंजारे ने अपने कुत्ते की याद में बनवाई थी बावडी
बदनावर( राजेश चौहान ) बदनावर तहसील मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर सुरम्य पहाड़ियों के बीच स्थित हैं कुत्ता बावडी इसे चमत्कार ही कहेंगे कि महज 9 फिट इस बावडी में कभी पानी खत्म नही होता चाहे कितना अकाल क्यो ना आ जाए यहाँ हमेसा पानी रहता है जिसका उपयोग खेत मे काम करने वाले किसान पीने के लिए करते है तथा आलतू पशुओं के साथ ही जंगली जानवर भी यहा पानी पीने आते हैं

बावडी निर्माण के पीछे का इतिहास
—————————————-बुद्धिजीवियो के अनुसार पुरातन काल में बंजारे व्यपार करने हेतु राजस्थान मध्यप्रदेश होते हुए महाराष्ट्र इसी मार्ग से जाते थे एक बार बंजारे को धन की कमी हुई उसने एक साहूकार से कर्ज लिया और उसके बदले अपने अति वफादार कुत्ते (स्वान ) को उस व्यपारी के यहाँ गिरवी रख दिया कुछ समय बाद उस व्यपारी के यहाँ डकैतों ने डाका डाला लेकिन उस कुत्ते( स्वान ) ने व्यपारी की जान के साथ ही उसे लूटने से बचा लिया जिससे खुश होकर व्यपारी ने कुत्ते( स्वान ) को ऋण मुक्त कर दिया और उसके गले में एक पत्र लिखकर अपने मालिक के पास भेज दिया लेकिन योगवस उसी दिन बंजारा भी अपने कुत्ते को छुड़वाने हेतु घर से निकला तो रास्ते में अपने कुत्ते को देखा तो वह क्रोधित हो गया उसने सोचा कि इसने ये क्या किया मिरी इज्जत खराब कर दी यह तो साहूकार के यहाँ से भाग कर आ गया उसने आव देखा ना ताव ताबातोड़ अपने कुत्ते पर वार कर उसे मार डाला बाद में उसे वह पत्र दिखा उसे पड़कर बंजारे को बहुत अफसोस हुआ और वह साहूकार के यह कर्ज चुकाने गया तो साहूकार कहा कि मेरा कर्ज तो तुम्हारे कुत्ते ने उतार दिया तब बंजारे ने उसी रुपयों से उक्त कुत्ते ( स्वान) की याद में एक बावडी का निर्माण करवाया जिसका नाम कुत्ता बाबड़ी पड़ा
गौरतलब है कि यह बावडी मात्र 9 फिट गहरी है लेकिन कभी यहा पानी खत्म नही हो चाहे बारिश हो या ना हो

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