चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को देनी होगी आपराधिक प्रकरणों की जानकारी

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देवास 21 अक्टूबर 2018/ विधानसभा निर्वाचन 2018 को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं निर्भिक रूप से संपन्न कराए जाने हेतु चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को उनके विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों की जानकारी प्रपत्र सी-1 में देनी होगी तथा राजनैतिक दल जो कि ऐसे प्रत्याशियों को टिकिट देते है, वह प्रपत्र सी-2 में इन प्रत्याशियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरणों की जानकारी देंगे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार वह प्रत्याशी जो कि संसद/राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ रहे है, जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले दर्ज है और वह राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार के प्रत्याशियों को टिकिट देते है, वह प्रपत्र सी-1 एवं सी-2 में दी जाने वाली घोषणा कम से कम तीन अलग तारीखों पर, नाम वापसी के अंतिम दिन के अगले दिन से चुनाव के दो दिन पूर्व तक प्रकाशित कराएंगे। यह घोषणा व्यापक रूप से प्रचलित समाचार पत्रों और टेलीविजन पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र में प्रसारित की जाएगी। ऐसे राजनैतिक दल प्रपत्र सी-2 में की घोषणा को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करेंगे। प्रपत्र सी-1 एवं सी-2 के विवरण और संबंधित निर्देश https://www.eci.nic.in पर उपलब्ध है और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर से भी प्राप्त किए जा सकते है।
इसी प्रकार सभी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फार्म को भरना है और फार्म में चाहे गए समस्त विवरण भी दर्ज किया जाना आवश्यक है। प्रत्याशी के विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में बोल्ड अक्षरों में बयान किया जाना चाहिए। यदि प्रत्याशी किसी विशेष पार्टी की टिकिट पर चुनाव लड़ रहे है तो प्रत्याशी द्वारा पार्टी को उनके विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी दिया जाना चाहिए। संबंधित राजनैतिक दल ऐसे प्रत्याशी, जिन पर आपराधिक पूर्ववृत्त है, कि पूर्वोक्त जानकारी वेबसाईट पर दर्शाने हेतु बाध्य है। प्रत्याशी तथा संबंधित राजनैतिक दल द्वारा प्रत्याशी के पूर्वतृत्त के बारे में क्षेत्र के व्यापक परिचालित समाचार पत्रों में घोषणा जारी करेंगे तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी व्यापक प्रचार करेंगे। व्यापक प्रचार से आशय है कि यह प्रक्रिया कम से कम तीन बार नामांकन पत्र भरे जाने के पश्चात की जाएगी। उल्लेखनीय है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका सिविल क्रमांक 536, 2011 पर उक्त निर्णय के निर्देश दिए है।

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