माँ हरसिद्धि मन्दिर जहाँ वर्षो से जल रही है अखण्ड ज्योति।

422 Views

प्रिन्स बैरागी

आगर जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित बीजानगरी में मां हरसिद्धि का माता मंदिर स्थित है। जहां हमेशा की तरह इन दिनों नवरात्री में आसपास के गांव एवं दूर दराज से श्रद्धालुओं की चहल पहल बनी हुई है। मंदिर परिक्षैत्र वटवृक्ष आच्छादित है। यहां 2000 वर्ष से अखंड ज्योत प्रज्जवलित है।

मंदिर के आसपास गांव में जहां तहां पुरातत्वी सामग्री बिखरी पड़ी है। ऐतिहासिक जानकारी के अनुसार उज्जैन की प्रसिद्ध माता हरसिद्धि की छोटी बहन के रूप में यहां स्थापित है। मंदिर का इतिहास चमत्कारी है। उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भानजे विजयसिंह इसी गांव में निवास करते थे। उज्जैन की मां हरसिद्धि के परम भक्त थे। प्रतिदिन घोड़े पर सवार होकर माता हरसिद्धि के दर्शन करने जाया करते थे।

प्रति 3 कोस पर विजयसिंह के लिए घोड़ा तैयार रहता था। विजयसिंह अपने यात्रा में हर 3 को लगभग 9 कि.मी. से घोड़ा बदलकर उज्जैन पहुंचकर माता के दर्शन करते थे। एक बार भीषण आंधी तूफान रास्ते में आ गया परन्तु भीषण आंधी तूफान की परवाह किए बिना विजयसिंह मां हरसिद्धि के दरबार उज्जैन पहुंचे और माता के दर्शन किए।

उसी रात्रि को माता ने उन्हे स्वप्न देकर कहा कि मैं तुम्हारे गांव में ही प्रकट होने वाली हूं तुम मेरा मंदिर बनवा दो तब विजयसिंह ने माता से स्वप्न में ही प्रश्न किया कि मैं आपको पहंचानुंगा कैसे? माता ने बताया कि तुम मंदिर का मुंह पूर्व दिशा की ओर रखना मेरे प्रकट होते ही मंदिर का मुंह पश्चिम की ओर हो जाएगा।

माता ने स्वप्न में यह भी कहा कि तुम ज्योत भी जला देना इस पर विजयसिंह ने कहाकि माता हवा चलने से ज्योत बुझ भी सकती है तो माता ने कहा कि हवा मंदिर के अंदर प्रवेश नही करेगी तब से लेकी आज तक लगभग 2 हजार वर्ष से यह ज्योत अखंड रूप से जल रही है। गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि माता के मंदिर में 30 अखंड ज्योत जल रही है। एक ज्योत में हर माह 5 किलो तेल लगता है। इस प्रकार कुल डेढ़ क्विंटल तेल प्रतिमाह इन ज्योतो को अखंड रखने के लिए लगता है। अकेले नवरात्रि महोत्सव के दौरान लगभग 10 क्िवटल तेल ज्योत जलाने में लगता है।

बिखरी पड़ी पुरातत्व संपदा

ग्राम के बुजुर्गो ने बताया कि इस ग्राम में जब भी कोई भवन बनाने या कुां खोदने के लिए खुदाई की जाती है तो जमीन के अंदर से प्राचीन मूर्तियां निकलती है। जिनमें से अधिकतर मूर्तियां नंदीगण की होती है। कई स्थानो पर खुदाई के दौरान खंडित व अखंडित अनेक प्रतिमाएं मिली हैं, जो इस ग्राम का पुरातात्विक महत्व बयां करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »