रूम टू रीड संस्था द्वारा 5 अक्टूबर 2018 को बैठक का आयोजन*

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*रूम टू रीड संस्था द्वारा 5 अक्टूबर 2018 को बैठक का आयोजन*
*बड़वानी से कपिलेश शर्मा* -रूम टू रीड द्वारा स्थानीय भाषा अध्ययन के परिणामों तथा यूनिसेफ के सहयोग से बड़वानी के समस्त विकासखंड में किये जाने वाले कार्य की रूपरेखा को साझा करने के लिए 5 अक्टूबर को जिलाधीश महोदय बड़वानी की उपस्थिति में कलेक्टोरेट सभागृह में एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राज्य तथा जिले के समस्त विभागीय अधिकारियों के साथ प्रो. मिनाति पांडा, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली, श्री सौरव बनर्जी, कंट्री डायरेक्टर रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट, सुश्री मधु रंजन, सीनियर एजुकेशन स्पेशलिस्ट यूएसएआईडी, सुश्री पूजा त्रिशाल, डायरेक्टर रूम टू रीड दिल्ली, श्री फ़रोग अहमद ज़ामि, एजुकेशन स्पेशलिस्ट यूनिसेफ मध्य प्रदेश, श्री चारी नरसिम्हा प्रोग्राम मेनेजर रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट शामिल होंगे.
रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट बड़वानी जिले में राज्य शिक्षा केंद्र के साथ पार्टनरशिप के माध्यम से सेंधवा तथा पाटी विकासखंड में वर्ष 2017 से 558 शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों में पठन कौशलों के बेहतर विकास तथा पढ़ने की आदत हेतु कार्य कर रहा है.
बड़वानी जिला आदिवासी बाहुल्य होने के चलते एक बहुभाषिक जिला है तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (NCF-2005) प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों की मातृभाषा (घर की भाषा) में शिक्षा की वकालत करता है ताकि बच्चों को सीखने समझने में आसानी हो.
रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट द्वारा जिले की बहुभाषिक स्थिति को समझने, स्थानीय भाषाओँ में बच्चों के लिए पठन सामग्री तैयार करने तथा बच्चों के साथ इन भाषाओँ में किये जा सकने वाले शैक्षिक कार्यों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले में एक भाषाई अध्ययन किया गया था. यह अध्ययन देश की जानी-मनाई शिक्षाविद तथा भाषाविद प्रोफ़ेसर मिनाति पांडा, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा सम्पादित किया गया था.
साथ ही रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट माह अक्टूबर 2018 से दक्षता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य शिक्षा केंद्र की सहमति तथा यूनिसेफ के सहयोग से जिले की समस्त प्राथमिक शालाओं में बच्चों में पठन कौशलों के विकास हेतु कार्यारम्भ करने जा रहा है अतः परियोजना के मुख्य उद्देश्यों, क्रियान्वयन की प्रक्रियाओं तथा प्रत्येक स्तर (स्कूल/संकुल/ब्लाक/जिला/राज्य) पर शैक्षिक संस्थानों की भूमिकाओं तथा परियोजना के संभावित परिणामों को साझा किया जाना है ताकि परियोजना का बेहतर क्रियान्वयन शीघ्रातिशीघ्र प्रारंभ किया जा सके।

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