मन से फुटबॉलर, परिवार ने बनाया एक्टर
इंदौर। ‘मैं तो हमेशा से फुटबालर बनना चाहता था और अपना खेल भी लगातार जारी था। सुब्रत कप सहित कई टुनार्मेंट में भाग भी लिया। अभियन का गुण मौजूद था पर मेरी माँ चाहती थी कि एक्टिंग में भी प्रयास करना चाहिए। अलग अलग सीरियल्स में ऑडिशन दिए और काम मिलता गया। यह कहना है शहर के बाल कलाकार स्वर्णिम नीमा का।
स्वर्णिम यह बात बोल सकते है क्योंकि है तो वो इंदौरी और किसी भी खेल में पीछे कैसे रह सकते है। बहरहाल खेल के मैदान से एक्टिंग के मैदान में उतरे स्वर्णिम ने बहुत कम समय में छोटे पर्दे पर अपने आपकों स्थापित कर लिया। इन दिनों वे शिवशक्ति धारावाहिक के कारण चर्चित है, जिसमें उन्होंने भगवान कार्तिकेय का रोल निभाया है। उनके काम को काफी सराहना मिल रही है। यहीं नहीं इस धारावाहिक की दक्षिण भारत की भाषाओं में भी डबिंग चल रही है। शुटिंग की व्यस्तता के बीच इंदौर पहुंचे स्वर्णिम इंदौर प्रेस क्लब के कार्यक्रम “चाय पर चर्चा” में भी शामिल हुए।
उर्जा से भरे हुए स्वर्णिम ने खुल कर अपने मन की बात कही। खास तौर पर उन्होंने कलर्स चैनल, स्वास्तिक प्रोडक्शन और डेली कॉलेज का दिल से आभार माना।
शहर को गौरवांवित करने वाली उपलब्धियां : स्वर्णिम ने कलर्स चैनल के शिवशक्ति धारावाहिक से पूर्व कई धारावाहिक में काम किया। पंडया स्टोर में कृष का किरदार काफी सराहा गया, बाल शिव में जयंत का रोल तो लोगों के दिलों दिमाग में अभी भी छाया हुआ है। परशुराम में भगवान के बाल स्वरूप का रोल को वे अपना सर्वश्रेष्ठ रोल मानते है। महाराजा रणजीत सिंह और चन्ना मेरेया जैसे धारावाहिक में भी उन्होंने अपने अभिनय कौशल की अमीट छाप छोड़ी। धारावाहिकों के अलावा दर्जन भर से ज्यादा विज्ञापनों में भी वे नजर आ रहे है।
बड़े पर्दे पर आने की ख्वाईश :
खेल के मैदान और छोटे पर्दे के छोटे उस्ताद की दोनों क्षेत्रों में पसंद भी फिक्स है। फुटबाल नैमार उनके रोल मॉडल है तो फिल्मी दुनिया में वे ऋतिक रोशन के दिवाने है। ख्वाईश ऋतिक के साथ फिल्म करने की भी है।
वैसे स्वर्णिम अपनी छोटी सी उम्र में ही जिमी शेरगिल, शरद केलकर, करण वाही, पुनीत इस्सर, विशाल आदित्य, किंशुक महाजन के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके हैं।
ठुकरा दिए कई ऑफर :
अपने अभिनय कौशल के दम पर टीवी इण्डस्ट्री में स्थापित मुकाम बनाने वाले स्वर्णिम को यह गुण उनकी माँ राशिका नीमा से मिला है। राशिका जी ना सिर्फ एक कुशल गायिका है बल्कि स्थापित मॉडल और श्रेष्ठ एंकर भी है। शायद यहीं एक कारण है कि खेल से ज्यादा उनकी प्राथमिकता कला के क्षेत्र के लिए रही। अलबत्ता मां से मिले संस्कार की बदोलत स्वर्णिम ने इस क्षेत्र में भी बाजी मार ली। राशिका जी बताती है कि स्वर्णिम के करियर और पढ़ाई को लेकर काफी चिंता थी। हमारी पहली प्राथमिकता शिक्षा है, पढ़ाई डिस्टर्ब न हो इसका खास ध्यान रखा। इसी के चलते कई बड़े बैनर के आॅफर मिलने के बाद भी ठुकरा दिया। पढ़ाई और करियर के बीच तालमेल बिठाने को लेकर स्वर्णिम के पापा पुलकित नीमा ने बताया कि कलर्स चैनल, स्वास्तिक प्रोडक्शन, डेली कॉलेज का टीचिंग स्टाफ बहुत ही सपोर्टिंग नेचर का है। सभी के सहयोग से स्वर्णिम की पढ़ाई या करियर दोनों बैलेंस है।