कहानी ‘पौधा चोर’ से बने ‘ट्री मेन’ विष्णु लाम्बा की

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देशभर में एक करोड़ पेड़ लगा चुके हैं लाम्बा

ट्री मेन विष्णु लांबा व सुश्री उमा व्यास आज प्रेस क्लब में

(डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’)

इंदौर। ट्री मेन के नाम से प्रसिद्ध पर्यावरणविद् विष्णु लांबा एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा जयपुर थाना प्रभारी उमा व्यास बुधवार को इंदौर प्रेस क्लब में 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम में मीडिया के साथियों से मिले। कार्यक्रम का संयोजन प्रेस क्लब महासचिव हेमन्त शर्मा ने किया। 

ट्री मेन श्री लांबा बिना सरकारी अनुदान लिए 30 वर्षों में 1 करोड़ से ज़्यादा पौधरोपण कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ‘वृक्षारोपण की रामायण कालीन 5000 वर्ष पुरानी देवरिया पद्धति सबसे कारगार है, जिसका प्रयोग करके अब उनकी संस्था श्री कल्पतरु संस्थान कार्य करेगा। साथ ही, आज इन्दौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ‘ग्रीन लंग्स’ अभियान का पोस्टर भी लोकार्पित किया।

चर्चा के दौरान प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य अभय तिवारी, राहुल वाविकर सहित राजेन्द्र कोपरगाँवकर, मुकेश तिवारी, लक्ष्मीकांत पण्डित, आदर्श आदि मौजूद रहे।

कैसे ‘पौधा चोर’ से ‘ट्री मैन’ बने विष्णु लाम्बा

राजस्थान के टोंक जिले के लांबा गाँव के रहने वाले विष्णु लांबा ने चर्चा में बताया कि उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों से इतना लगाव था और वे जहाँ भी अच्छे पौधे देखते, उन्हें चुरा लाते और अपने घर और बगीचे के आसपास लगा देते। जिसके कारण गाँव के लोग बचपन में उनको ‘पौधा चोर’ कहते थे। बाद में गाँव में कोई भी पेड़ लगाने के लिए पौधे मंगवाता तो विष्णु लांबा को भी दो पौधे भेंट कर देता था। ताकि वो पौधों की चोरी नहीं करें। पढ़ाई-लिखाई से विष्णु लांबा का कुछ ख़ास लगाव नहीं था, लेकिन उनके अंदर प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरुकता बचपन से ही थी। आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों के जन्म स्थान और शहीद स्थलों पर उन्होंने पेड़ लगाए। करीब 56 क्रांतिकारियों के परिवारों को एकत्रित करके वे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलाने ले गए, तब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें ट्री मैन ऑफ़ इंडिया कहा।

विष्णु लांबा ने 22 राज्यों में घूमकर पेड़ लगाए। इसके बाद विष्णु लांबा ने चंबल के बीहड़ों में डाकुओं के 38 परिवारों को इकट्ठा किया और उन्हें जयपुर बुलाया। उन्होंने सरकार से कहा कि अगर आत्म-समर्पण कर चुके डाकुओं को ‘वन मित्र’ का नाम दिया जाए तो चंबल में जंगल बच सकते हैं। क्योंकि इनके ख़ौफ़ से लोग चंबल के बीहड़ों में पेड़ नहीं काटते थे। अब लोग बेख़ौफ़ होकर पेड़ काट रहे हैं।

बक्स्वाहा जंगल कटाई पर मुखर होकर बोले श्री लाम्बा

‘चाय पर चर्चा’ के दौरान उठे प्रश्न के उत्तर में श्री लाम्बा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नियमित एक पौधा लगाने के प्रयासों की तो सराहना की परंतु खुले शब्दों में बकस्वाहा जंगल कटाई पर कहा कि ‘शिवराज जी को दोहरा व्यवहार नहीं करना चाहिए, आपकी नियमित पौधा रोपण से लोग प्रेरणा तो ले रहे हैं पर बकस्वाहा जंगल में दो से ढाई लाख पेड़ों की कटाई पर आपको की ख़ामोश नहीं रहना चाहिए था।’

थानेदार उमा व्यास संचालित करेंगी ‘ग्रीन लंग्स’ अभियान

विष्णु लाम्बा की सहयोगी व जयपुर थाने में पदस्थ उमा व्यास देशभर में ‘ग्रीन लंग्स’ अभियान का संचालन करेंगी। इस अभियान के अंतर्गत देशभर में देवरिया पद्धति से वन विकसित किए जाएँगे, वृक्षारोपण की यह पद्धति पुरातन पद्धति है। इसके माध्यम से उज्जैन में क्षिप्रा किनारे वाटिका विकसित की जाएगी।

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