अखंड ज्योत से झरता केसर माताजी का प्रतिबिंब, आई माता मंदिर में नवरात्रि में श्रद्धालुओं का मेला

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  • देवेंद्र तांतेड़

कुक्षी । नगर के मध्य स्थिति अतिप्राचीन शक्ति स्वरूपा श्री आई माताजी का मंदिर नवरात्रि महापर्व के दौरान श्रद्धालुओ के लिए आस्था का विशेष केंद्र बना हुआ है। जहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या मे मातारानी के श्रद्धालु दर्शनार्थ पधार रहे हैं, मंदिर में अखंड ज्योत से झड़ता केसर माताजी का साक्षात प्रतिबिम्ब हैं जो श्रद्धालुओ को स्वतः ही आकर्षित करता है। विगत 25 वर्ष से नवरात्र में महाआरती व महाप्रसादी का आयोजन होता आ रहा है जिसमे हजारो की संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ पधार रहे है।
यहाँ के श्री आई माता के मन्दिर का इतिहास कहा जाता है कि लगभग 400 वर्ष पूर्व राजस्थान से पलायन होकर सिर्वी समाज के पूर्वजों ने श्री आई माताजी की गादी पाठ व अखंड ज्योत की यहां स्थापना की थी। श्री आई माताजी अखंड ज्योत में समाहित होकर सांसारिक जीवन से विलय हो गई। तभी से इस अखंड ज्योत से झड़ता केसर माताजी का साक्षात प्रतिबिंब बना हुआ है।

अखण्ड ज्योति का मूल स्वरूप विद्यमान

कुक्षी नगर के मध्य सिर्वी मोहल्ले में स्थित इस प्राचीन मंदिर का वर्ष 2011 में जीर्णोद्वार हुआ तथा भव्य समारोह में धर्मगुरु दीवान माधवसिंहजी की मौजूदगी में प्राणप्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। परंतु अखंड ज्योत व गादी पाठ जो पूर्व में थे उनके ही मूल स्वरूप को ही मन्दिर में विद्यमान रखा गया हैं। मन्दिर परिसर में अम्बे माताजी की मूर्ति,गादी पाठ,शिव परिवार व राम दरबार होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक साथ सभी का दर्शन लाभ प्राप्त होता है।


नवरात्र महोत्सव में रहता हैं विशेष शृंगार व मन्दिर सजावट आकर्षण का केंद्र

नवरात्र महोत्सव के दौरान मूर्तियों व मन्दिर परिसर की सजावट सिर्वी समाज के विभिन्न ग्रुपों व परिवारजनों के द्वारा आकर्षक सजावट व मन्दिर परिसर को विशेष रूप से सजाया जाता हैं जो हजारो दर्शनार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है। हजारों भक्त पर्व के दौरान प्रतिदिन रात्रि में आयोजित महाआरती-महाप्रसादी में शामिल होकर दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं। नवरात्र महोत्सव के मुख्य यजमान किशोर नेमाजी जमादारी प्रतिदिन विधिविधान से माताजी की पूजा अर्चना कर रहे है
गौरतलब है कि आई माता का मंदिर नगर में अपना विशेष स्थान रखता है। जहां सिर्फ सिर्वी समाज ही नहीं,नगर में निवासरत अन्य समाज के लोग भी पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ यहां दर्शन करने पहुंचते हैं।
श्री आई माताजी के दर्शन करने आसपास के नगर व गाँव से भक्तगण आते है। मंदिर के पुजारी पण्डित श्री घनश्याम चाष्ठा ने बताया की यहां हजारों लोग पूजा करने और मन्नत मांगने आते है। लोगों की मन्नत पूरी होने पर वे श्री आई माता को चढ़ावा चढ़ाते व फल व मिठाई में तोलते है।
आस्था व उल्लास का यह महोत्सव क्षत्रिय सिर्वी समाज सकल पंच समिति के अध्यक्ष कांतिलाल गहलोत,उपाध्यक्ष बाबूलाल गेहलोत व मंगाजी बर्फा,गोमाजी सेप्टा,कैलाश काग,रमेश काग,बाबूलाल मुलेवा समाज पंच समिति के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न होता है जिसमें बालिकाओ,महिलाओं,युवाओं,कला संगीत वादको,समाजजनों के साथ श्री नवदुर्गा उत्सव समिति का सराहनीय सहयोग रहता हैं। उक्त जानकारी सिर्वी समाज युवा संगठन कुक्षी तहसील के मीडिया प्रभारी मनोज काग ने दी

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