53 वीं पुण्यतिथि पर किया नमन
देश के लिए जीने-मरने वालों का बनता है इतिहास, शास्त्री जी ने गढ़ा नया इतिहास
बड़वानी 11 जनवरी/शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ द्वारा भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी लाल बहादुर शास्त्रीजी की 53 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सर्वप्रथम प्राचार्य डाॅ. सीएल खिची और पुस्तकालय विषेषज्ञ कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने शास्त्रीजी के चित्र का पूजन अर्चन किया। रितु बर्फा ने शास्त्रीजी के 2 अक्टूबर, 1904 से 11 जनवरी, 1966 तक का जीवन वृत्त की जानकारी दी। रितु ने कहा कि देष के सर्वमान्य महापुरुषों में सम्मिलित लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपनी दृढ़ता, इच्छा शक्ति, त्याग की भावना और सादगी से न केवल अपने समय को प्रभावित किया था, अपितु वे आज भी एक किंवदंती की तरह हैं। रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर रेल मंत्री के पद से त्यागपत्र देकर मिसाल कायम करने वाले शास्त्रीजी ने 1965 के पाकिस्तान को युद्ध में करारी हार दी थी। जय जवान, जय किसान का संदेष देने वाले शास्त्रीजी का 11 जनवरी, 1966 को ताषकंद में देहावसान हो गया था। प्राचार्य डाॅ. खिची ने कहा कि इतिहास उन्हीं लोगों का बनता है, जो देष हित में कार्य करते हुए अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं। शास्त्री जी ने जिस सादगी का जीवन जिया वह मिसाल है। डाॅ. मधुसूदन चैबे ने शास्त्रीजी के निधन की परिस्थितियों का उल्लेख किया।
संचालन राधिका शर्मा ने किया। आभार किरण वर्मा ने व्यक्त किया। सहयोग शुभम सेन, अदनान पठान, आवेष खान, अरविंद बमनके, रागिनी सोनी, राहुल मालवीया, प्रियंका सिसोदिया, राजनंदिनी खेड़े, राजेष जाधव, निधि, नानसिंग डावर, ग्यानारायण शर्मा ने किया।