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देवास। आपसी विवाद में पठानकुंआ में हुए मारपीट के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोनों पक्षों के 10 लोगों को 2-2 वर्ष के कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।
यह था पूरा मामला
अभियोजन अधिकारी करूणा आशापुरे ने बताया कि 25 जनवरी 2011 को अलताफ की चाची नजमा बी और जुल्लो बी में किसी बात लेकर कहासुनी हो गई थी। उस समय तो दोनों पक्षों का समझोता हो गया और विवाद भी सुलझ गया था। लेकिन शाम को करीब 7.30 बजे इसी बात को लेकर जुल्लो बी हाथ में ईट लेकर फरियादी के पठानकुंआ स्थित घर पर पहुंची और उसके बाद उसके पति अब्दुल गफ्फार और बेटे दिलशाद उर्फ शोएब, पिंटू पहलवान उर्फ इमरान व सद्दाम भी तलवार और लाठी लेकर उनके घर में घुस गये। सभी ने मिलकर अलताफ एवं उसकी चाची नजमा बी के साथ गाली-गलौच किया और बोले कि ज्यादा नेतागिरी करते हो। इसी दौरान पिंटू उर्फ इमरान ने अलताफ पर तलवार से हमला कर दिया। वहीं सद्दाम ने अब्दुल गनी को ईट से हमला किया जो उसके सिर में लगी। गफ्फार ने भी लकड़ी से मारपीट की। पिंटू उर्फ इमरान ने अपनी कमर में से कट्टा निकाला और बोला कि सालों को जान से खत्म कर देता हंू। इसी दौरान नाहरू, साबिर, सादिक मामा, जाकिर आये और बीच बचाव किया। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया था। तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर एक पक्ष के इमरान, सद्दाम, अब्दुल गफ्फार, जुल्लो बी, दिलसाद एवं दूसरे पक्ष अलताफ, वसीम, मुसाहिद, मुन्ना उर्फ अब्दुल, गब्बू उर्फ अफजल प्रत्येक को 2-2 वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करूणा आशापुर सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने की। उक्त जानकारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी चन्दरसिंह परमार ने दी।