देवास। आवास निर्माण एवं शोचालय निर्माण की राशि स्वीकृत करने को लेकर सरंपच को 4 जनवरी 2016 को 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा था। रिश्वत लेने के मामले में विशेष न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में सरपंच को साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी मानते को धारा 7,13(1)डी, 4 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 13(2) म 4 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया।
यह था पूरा मामला
खुशाल पिता बद्रीप्रसाद बैरागी निवासी ग्राम खपरास तहसील सतवास ने लोकायुक्त को शिकायत कि थी कि इंदिरा योजना के तहत आवास निर्माण एवं शोचालय निर्माण की राशि स्वीकृत करने के लिए ग्राम पंचायत टिपरास की सरपंच को 29 नवंबर 2015 को दो अलग-अलग आवेदन पत्र दिये थे। कुछ दिन बाद वह आवास निर्माण एवं शोचालय निर्माण की राशि स्वीकृत करने के लिए सरंपच सुशीला बाई से मिला तो उक्त कार्यो की राशि स्वीकृत करने के लिए 20 हजार रूपये रिश्वत की मांग की है।लोकयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए 4 जनवरी 2016 को सुशीला बाई कोरकू, सरपंच को उनके निवास ग्राम टिपरास में आवेदक खुशाल बेरागी से 10 हजार की रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में साक्ष्यों और ग्वाहों के आधार पर दोषी मानते हुए सुशीला बाई कोरकू सरपंच ग्राम पचायत टिपरास तहसील सतवास जिला देवास को भ्र.नि.अधि की धारा 7,13(1)डी, 4 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 13(2) म 4 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से अजय सिंह भंवर, विशेष लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की है।