“भगवान को भी नहीं मिलता आराम?” सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की खास पूजा पर जताई सख्त नाराजगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों में चल रही एक संवेदनशील व्यवस्था पर सख्त नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि कुछ जगहों पर परंपराओं को दरकिनार कर धनवान लोगों को विशेष पूजा की छूट दी जा रही है। जो आस्था और समानता दोनों के खिलाफ है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा मामला सुनवाई के लिए आया। इस दौरान अदालत ने उन प्रथाओं पर कड़ी टिप्पणी की। जिनमें मंदिर बंद होने के बाद या भगवान के विश्राम के समय कुछ खास लोगों को चुपचाप विशेष पूजा की अनुमति दी जाती है। तीन जजों की पीठ की अगुवाई कर रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने इसे चिंताजनक बताया।

मंदिर के कुछ सेवकों ने दायर की थी याचिका, जनवरी के पहले सप्ताह में होगी सुनवाई

मामला मंदिर के कुछ सेवकों की ओर से दायर एक नई याचिका से जुड़ा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दर्शन के तय समय में बाद में बदलाव कर दिए गए। और कुछ पारंपरिक पूजाओं को बंद कर दिया गया। जिससे सदियों से चली आ रही व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। इस पर जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की पीठ ने मंदिर की प्रशासनिक समिति को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई जनवरी 2026 के पहले सप्ताह में होगी।