परम्परा और आस्था के चलते यहाँ गाय और बेल इंसानों के ऊपर से गुजरते है।

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देवास/उदयनगर-दिपावली के एक दिन बाद पड़वा के दिन क्षेत्र की मावेशी की पुजापाठ कर मन्नते पुरी हो जिसके लिए गांव के सारे मावेशी को अपने शरीर के ऊपर से निकलते हैं। और ऐसी ही परम्परा झाबुआ जिले में भी है।यहाँ इस पर्व को “गौहरी” पर्व कहते है। उदयनगर के समीप दड देवनालिया महिगांव सेमली जहा पर अधिकांश परिवार पटेलिया समाज के है अपनी प्राचीन परंपरा को कायम रखते हुई दिपावली के एक दिन बाद युवक अपनी मन्नते पुरी हो जिसके लिए अपने शरीर के उपर मावेशी को निकलते हैं। इस प्रकार का नजरा गुरुवार को सेमली गांव में देखा गया। दिपावली की रात को पुजा पाठ का आयोजन चलता है। जो युवक जगदीश डोडवे महेश भूरा कमल व रुप सिह देर रात तक पुजा पाठ करते हैं। पड़वा के दिन गांव की सारी मावेशी को निहला कर अकृषक रुप से सजाया जाता है। गांव के पटेल केशरसिह मुख्य चोरह पर गोबर के लेप से पुताई कर अण्डे की पुजा पाठ की जाती है। तब तक युवक युवतियों आतिशबाजी करते रहते हुए हैं। ढोल ढमाकों के साथ गांव की साजी मावेशी को एकत्रित किया जाता है। पुजा पाठ के बाद चार युवक जगदीश महेश कमल रुपसिह पुजा स्थल पर मुह के बल लेट जाते हैं। उनके शरीर पर से सारे मावेशी के गुजरने के बाद लेट हऐ। युवक को सब मिलकर उठकर गले मिलकर पर्व का इजहार करते हैं। इस मामले में युवक ने बताया की हमारी मन्नते पुरी होती है। तब हम अपनी इच्छा से लेट कर अपने शरीर पर गाय माता को गुजरते हैं। ऐसा करने से हमे कोई शरारीक समस्या उत्पन्न नहीं है।

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