देवास, 01 नवंबर 2018/ विधानसभा निर्वाचन 2018 के मतदान में प्रारंभ होने से लेकर समाप्ति तक माईक्रो आब्जर्वर की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। माईक्रो आब्जर्वर मतदान में ही उपस्थित होकर वहां घटित होने वाले प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखेगा और पल-पल की जानकारी भी संकलित करेगा। निर्वाचन कार्य में माईक्रो आब्जर्वर की भूमिका को लेकर गुरुवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि माईक्रो आब्जर्वर को आयोग के प्रेक्षक के अधीन रहते हुए कार्य करना है। माईक्रो आब्जर्वरों के प्रशिक्षण में आज पहले दिन लगभग 200 माइक्रो ऑब्जर्वरों का प्रशिक्षण हुआ। प्रशिक्षण 2 व 3 नवंबर को भी जारी रहेगा तथा 200-200 माइक्रो आब्जर्वरों को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर डॉ. एसपीएस राणा, डॉ. अजय काले, डॉ. समीरा नईम द्वारा दिया गया। बैंकर्स अधिकारी, बैंक नोट प्रेस देवास, एलआईसी तथा नवोदय विद्यालय के अधिकारियों की ड्यूटी माईक्रो आब्जर्वर के लिए लगाई गई है।
निर्धारित प्रारूप में हां या नहीं में करेंगे रिपोर्ट प्रस्तुत
मास्टर ट्रेनरों ने मतदान केंद्रों पर तैनात होने वाले माईक्रो आब्जर्वरों से कहा कि मतदान प्रारंभ होने से समाप्ति तक नजर रखने के साथ-साथ निर्धारित प्रारूप में हां या नहीं में जानकारी प्रस्तुत करना होगी। माइक्रो ऑब्जर्वर के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षण में बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान केंद्र पर यह देखेंगे कि मॉकपोल किया गया या नहीं, मॉकपोल के बाद कंट्रोल यूनिट का डाटा क्लियर किया गया है कि नहीं, मॉक पोल के दौरान कितने पोलिंग एजेंट उपस्थित थे, किसी एक अभ्यर्थी के एक से अधिक पोलिंग एजेंट मतदान केंद्र में तो नहीं है, कोई अनाधिकृत व्यक्ति मतदान केंद्र के अंदर तो नहीं आ गया है, मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही लगाई जा रही है या नहीं, मतदाता के पहचान के दस्तावेज देखे जा रहे हैं या नहीं, पीठासीन अधिकारी डायरी में गतिविधियों को नोट कर रहे हैं या नहीं। डाकमत पत्र/ईडीसी से मतदान आदि पर निगाह रखेंगे तथा निर्वाचन प्रेक्षक को सीधे रिपोर्ट करेंगे।
प्रशिक्षण में बताया गया कि माईक्रो ऑब्जर्वरों को मतदान प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक प्रत्येक घंटे में हुए मतदान के प्रतिशत की जानकारी भी लेनी होगी। वहीं दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक पंक्ति में कितने मतदाता खड़े थे और 5 बजे कितने मतदाताओं को टोकन दिया गया, 5 बजे के बाद कितने मतदाताओं ने मतदान किया और मतदान कब समाप्त हुआ, आदि की जानकारी माईक्रों ऑब्जर्वर द्वारा रखी जाएगी। माईक्रों ऑब्जर्वर की उपस्थिति में ही मतदान होना जरूरी है। कोई भी दल मतदान पर अपने 3 अभिकर्ता नियुक्त कर सकता है किंतु एक समय में एक ही एजेंट संबंधित मतदान केंद्र पर उपस्थित रहेंगे, अन्य दो एजेंट रिलीवर के रूप में कार्य करेंगे।
वीवीपेट की 7 और मोक पॉल की पर्चियां होगी काले लिफाफे में
मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि जैसे ही ईव्हीएम मशीनें आपस में एक-दूसरे में कनेक्ट होगी और कनेक्ट करने के बाद ऑन करने पर वीवीपेट से 7 पर्चियां स्वतः ही निकलेगी। इसके अलावा मोक पॉल में जितने भी मतदान किए जाते है, यह पर्चियां निकालकर पीठासीन अधिकारी द्वारा काले लिफाफे में बंद की जाएगी। मोक पॉल के दौरान प्रत्येक अभिकर्ता को मतदान करने का अवसर दिया जाए। माईक्रों ऑब्जर्वर द्वारा मतदान के एक दिन पूर्व ही मतदान केंद्र का अच्छी तरह से अवलोकन कर लेना चाहिए। खास तौर पर यह ध्यान रखे कि वोटर्स की गोपनीयता तो भंग नहीं हो रही है। मतदान केंद्र को अच्छी तरह से देख लें। इसके अलावा मतदान समाप्ति के बाद पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान अभिकर्ता को 17 (सी) फार्म देना जरूरी है। प्रशिक्षण के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें माइक्रो आब्जर्वर की शंकाओं का समाधान किया गया।
मतदान शुरू होने से लेकर समाप्ति तक नजर रखेंगे माईक्रो आब्जर्वर
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