दुष्कर्म के मामले में 10 वर्ष का कारावास।

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देवास। दुष्कर्म के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को 10 वर्ष के कारावास और अर्थदंड से दण्डित किया है।

यह था पूरा मामला

जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया की शिशु विहार स्कूल के पास रहने वाली युवती 21 अप्रैल 2016 को 5 मिनिट में आने का बोलकर घर से चली गई। जिसके बाद वो फिर घर नही लौटी। युवती को रिश्तेदारी में सभी जगहों पर तलाश की, कहीं कोई पता नहीं चला। युवती अर्जुन निवासी लोहार पिपल्या से फोन पर बात करती थी। परिजनों ने थाना कोतवाली में गुमशुदा व्यक्ति पंजीकरण रिपोर्ट प्र.पी-5 पंजीबद्ध कर, अभियुक्त अर्जुन के विरूद्ध अपराध क्रमांक 400/16 अंतर्गत धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता प्र.पी-6 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अपहृता को 28 अप्रैल 2016 को अभियुक्त अर्जुन के भाई संतोष के ससुर द्वारा थाना कोतवाली में पेश किए जाने पर अभियोक्त्री को दस्तयाब कर, दस्तयाबी पंचनामा प्र.पी-3 बनाया गया। अभियोक्त्री ने कथन में बताया कि आरोपी अर्जुन उसे भगाकर ले गया था और अर्जुन के दोस्त श्याम ने उन्हें एक दोस्त के घर व होटल में रूकवाया था, इस दोरान अर्जुन ने उसके साथ 6 दिनों तक कई बार गलत काम किया। प्रकरण में धारा 366,376(2)(एन)/34 आई.पी.सी. एवं 5-एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा का इजाफा किया गया।तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था।प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने अर्जुन, उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम लोहारी, थाना सिविल लाईन,जिला देवास को धारा भादवि 363,366-ए,376(2)(एन), तथा पाॅक्सो एक्ट की धारा में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 7 हजार रूपये का अर्थदण्डे से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से आशा शाक्यवार अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की गई।

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