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देवास। शासकीय स्व. तुकोजीराव पवार विज्ञान महाविद्यालय में प्रयोगशाला विभाग में परिचायक के पद पर पदस्थ अ. खालिक पठान को पूर्व मेंं उसके द्वारा किए गए प्राणघातक हमले के आरोप में सत्र न्यायालय द्वारा पाँच पाँच वर्ष की सजा से दंडित किए जाने के बाद फरियादी सादिक पठान निवासी भवानी सागर ने कालेज प्राचार्य से पत्र के माध्यम से अपील की थी कि आरोपी अ.खालिक पठान को महाविद्यालय के परिचारक पद से हटाया जाए। लेकिन कालेज प्राचार्य एन के श्रीवास्तव ने लगभग सवा महीना होने के बाद भी कालेज के प्राचार्य द्वारा उसे पद से नहीं हटाया गया है। जबकि किसी सरकारी कर्मचारी को सजा होने के 48 घंटे बाद ही सेवा से हटा दिया जाता है, कालेज प्राचार्य द्वारा माननीय न्यायालय की भी अवमानना की जा रही है। क्योंकि आरोपी सजा से दंडित होकर अभी जेल में कैदी के रूप में सजा काट रहा है। फरियादी सादिक पठान ने बताया कि पूर्व में सन् 2017 को भी न्यायालय द्वारा दोषी करार दिया गया था लेकिन उसके बावजूद भी प्राचार्य द्वारा उसे पद से नहीं हटाया गया। अ.खालिक पर और भी कई अपराध पुलिस रेकार्ड में दर्ज हो चुकी है। जबकि अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य, उच्च शिक्षा आयुक्त उज्जैन, संभाग उज्जैन, माननीय जिलाधीश महोदय देवास एवं आयुक्त उच्च शिक्षा भोपाल द्वारा पूर्व में प्राचार्य को आदेशित किया जा चुका है इन सबके बावजूद भी प्राचार्य द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर और न्यायालय की अवमानना कर उसे पद से नहीं हटाया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।