देवास, 29 अक्टूबर 2018/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता को बनाए रखने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को बैंकों से किए जा रहे संदेहास्पद नकद लेन-देन पर नजर रखने के निर्देश दिये गए हैं। इस तारतम्य में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पाण्डेय ने अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देश दिये हैं कि जिले की सभी बैंक शाखाओं को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों से अवगत कराएं और प्रतिदिन की रिपोर्ट आयकर अधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।
निर्वाचन अयोग के निर्देशानुसार जिला निर्वाचन अधिकारी, बैंकों से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे कि उनकी शाखाओं में पिछले 2 माह में 1 लाख रुपए से अधिक की असामान्य एवं संदेहजनक राशि की निकासी या जमा, निर्वाचन क्षेत्र में राशि का असामान्य रूप से अंतरण हुआ है। इसके साथ ही अभ्यर्थियों या उनकी पत्नी या उनके आश्रितों (शपथ पत्र में उल्लेखित) के बैंक खाते में 1 लाख रुपए से अधिक की नकद राशि जमा करने या निकालने की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी। इसी प्रकार जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दल के खाते से 1 लाख रुपए से अधिक की नकद राशि की निकासी या जमा करवाने की सूचना भी बैंक से प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही अन्य कोई भी ऐसे संदेहास्पद नकद के लेन-देन पर भी निगरानी रहेगी जिसका उपयोग मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए किया जाने वाला हो। उक्त सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रक्रियाबद्ध की जाएगी तथा जहां भी संदेह होगा कि नकद राशि का उपयोग निर्वाचकों को रिश्वत देने के लिए किया जा सकता है तो फ्लाइंग स्क्वॉड को पूरी जांच के पश्चात आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जमा तथा निकासी की नकद धनराशि जहां 10 लाख रुपए से अधिक होगी तो ऐसी सूचना को आयकर विभाग के नोडल ऑफिसर को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
एक लाख रूपये से अधिक के लेन-देन पर नजर रहेगी
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