पेट्रोल,डीजल के दाम घटाकर थमाया झुनझुना
आनंद जैन इंदौर । चुनाव का बिगुल बज गया है।आने वाले कुछ दिनों में आचार सहिता भी लग जाएगी । ऐसे में मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे है। प्रेटोल और डीजल की कीमतों ने जो आग लगाई है।उसने क्रेन्द व राज्य सरकार को झुलसा दिया है।इससे भयभीत होकर केन्द्र और बीजेपी शासित कुछ राज्यो में प्रेटोल व डीजल पर राहत देने की कोशिश की, लेकिन सरकार का यह निर्णय मात्र झुनझुने से ज्यादा कुछ साबित नहीं होगा।
देश मे पेट्रोल, डीजल के दामो में केंद्र सरकार ने ढाई रुपये एक्साइज टेक्स की कमी की है। साथ ही अपने आपको घिरने और मुद्दा बनने से बचने के लिए भाजपा ने यह जुगत लगाई है।
केंद्र ने आनन फानन में आम जनता पर एहसान जताते हुए ढाई रुपये की रियायत तो दे दी। जिसे सुन सभी काफी खुश है। लेकिन यह चंद दिनों की चांदनी से ज्यादा कुछ साबित न होगा।
एक तरफ चार राज्यो में विधानसभा चुनाव, विपक्ष का दबाव, आम मतदाता की नाराजगी। वही दूसरी तरफ सबसे बड़ी दिक्कत रोजाना बढ़ते डीजल पेट्रोल के दाम। यह रियायत चंद दिनों की ही साबित होगी। फिर कैसे यह राहत मिलेगी । जल्द ही यह कीमत भी सैकड़ा पार तो कर ही लेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली भी बड़ा एहसान जताते हुए यह घोषणा कर गए। हाँ यह बड़ी सौगात तब होती जब पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरों में कर दिया जाता। लेकिन ऐसा हुआ नही। इसका विधानसभा चुनावों में कुछ लाभ मिलने वाला नही है। क्योकि दाम तो रोज पैसे दर पैसे बढ़ते ही जा रहे है। फिर यह कवायद क्यो।
इस 5 रुपये की राहत से यह जरूर होगा कि कुछ दिनों तक वाह वाही लूटने का मौका जरूर मिलेगा। जनता इस झूठे सपने से जाग गयी तो सरकार बनाने का सपना टूटने में देर नहीं लगेगी।