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बाबू को रिश्वत लेने के मामले में न्यायालय ने 4 वर्ष के कारावास से किया दंडित
- देवास-जिला चिकित्सायल में पदस्थ सेवानिवृत कम्पाउण्डर प्यारेलाल बंजारे से पेंशन कम्प्यूटेशन की राशी को बैंक में जमा करवाने को लेकर सहायक ग्रेड-2 पेंशन विभाग के संतोष पिता रमेशचन्द्र व्यास ने 2 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी। जिसे लोकयुक्त पुलिस नेे रंगे हाथों पकड़ा था।भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश पीके सेन ने सबूतों और गवाहों के आधार पर दोषी मानते हुए बाबू संतोष व्यास को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 (2) के अंतर्गत दोनों धाराओं में 4-4 वर्ष के कारवास और 10-10 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
यह था पूरा मामला
जिला चिकित्सालय में पदस्थ प्यारेलाल बंजारे पिता दयाराम बंजारे सेवानिवृत हुए थे।जिला कोषागार में पेंशन विभाग में पदस्त सहायक ग्रेड 2 संतोष व्यास ने प्यारेलाल के पेंशन कम्प्यूटेशन की राशी को बैंक में जमा कराने को लेकर 2 हज़ार रूपये की रिश्वत मांगी थी।जिसकी शिकायत प्यारेलाल ने उज्जैन लोकयुक्त पुलिस को थी। लोकायुक्त पुलिस ने 22 अप्रैल 2014 को सहायक ग्रेड 2 संतोष पिता रमेशचन्द्र व्यास निवासी कुबेर नगर को पेंशन कार्यालय में 2 हजार रूपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। तभी से मामले न्यायालय में विचारधीन था। विशेष न्यायालय ने सबूतों और गवाहों के आधार पर बाबू संतोष व्यास को दोषी पाया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 (2) के तहत दोनों धाराओं में 4-4 वर्ष के कारावास और 10-10 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की और से उपसंचालक विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह भंवर ने पैरवी की।