जनसंचार के अप्रतिम विमर्शकार हैं प्रो. संजय द्विवेदी – गिरीश पंकज
नई दिल्ली। ’प्रो. संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया के अप्रतिम विमर्शकार हैं। वे समाधानपरक पत्रकारिता और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के ध्वजवाहक भी हैं।’
यह बात प्रख्यात साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने कही।
श्री पंकज शनिवार को विश्व पुस्तक मेले में प्रो.संजय द्विवेदी की नई किताब ‘इस मीडिया समय में’ का लोकार्पण कर रहे थे। पुस्तक का प्रकाशन संस्मय प्रकाशन, इंदौर ने किया है। उन्होंने यह भी कहा कि संजय की यह किताब मीडिया और हमारी भाषा के सामने उपस्थित संकटों पर बात करती है।
प्रख्यात व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर ने कहा कि ’संजय का जीवन और लेखन नयी पीढ़ी के पत्रकारों के लिए एक उदाहरण है। संजय अपने लेखन में समावेशी हैं और जीवन में लोकसंग्रही।’ उन्होंने कहा कि संजय की सृजनात्मक सक्रियता अप्रतिम है।
लोकार्पण अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, हिंदी की प्राध्यापक और कथाकार डॉ. पूनम सिंह, भाजपा नेता गणेश मालवीय, राष्ट्र पत्रिका (नागपुर) के संपादक कृष्ण नागपाल, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन, संस्मय प्रकाशन से शिखा जैन व भावना शर्मा, भारतीय जन संचार संस्थान के डॉ. राकेश उपाध्याय, डॉ. पवन कोंडल, मो.शाकिब, रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के डॉ. योगेश पटेल, लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली से डॉ. दिवाकर दुबे, राजभाषा विभाग के रघुवीर शर्मा , बाबा साहब अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली से डॉ. रंजीत, ग़ज़लकार कमला सिंह ’ज़ीनत’ सहित दिल्ली की अनेक संस्थाओं के मीडिया विद्यार्थी उपस्थित रहे।