‘जय हो मात-पिता की’ उद्घोष के साथ श्री देवालय संघ ने शुरु किया अभियान “मानवता को बचाना है, राक्षसी वृत्ति को मिटाना है”

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नई दिल्ली (राजेश शर्मा)- समाज में आ रही मानवीय मूल्यों की गिरावट को देखते हुए श्री देवालय संघ ने अपने अभियान “मानवता को बचाना है, राक्षसी वृत्ति को मिटाना है” की शुरुआत दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित श्री हनुमान मंदिर प्रांगण से की। 
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ.धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा ने “जय हो मात-पिता की”  उद्घोष  के साथ कार्यक्रम शुरू किया।
नितिन बत्री ने श्री देवालय संघ के चेयरमैन डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता (संस्कृति सेवक) के जीवन पर प्रकाश डाला। 
कार्यक्रम में आए सभी संस्कृति रक्षकों को संबोधित करते हुए श्री देवालय संघ के चेयरमैन डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता (संस्कृति सेवक) ने कहा कि शक्तिशाली बनकर राक्षसी वृत्ति को मिटाना एवं संस्कार व संस्कृति को बचाना है। सभी जनमानस को इस अभियान से जुड़ने के लिए आह्वान किया। समाज में  शक्तिशाली बनने के लिए श्री देवालय संघ के तीन संकल्पों को आत्मसात  करना होगा।
समाज में लोगों को अपने कर्तव्य और अपनी जिम्मेवारी को भी समझना होगा तभी हम अपने संस्कार और संस्कृति को बचा पाएंगे। 
आचार्य गऊ दास ने मानवता दिवस के पूर्व संध्या पर संस्कृति रक्षकों को संबोधित करते हुए कहा की हम सब को मिलकर मानवता के प्रति जन जन को जागरूक करने की आवश्यकता है क्योंकि मानवता से हमारी संस्कृति और हमारे सनातन संस्कार का गहरा संबंध है।
संस्कार विहीन समाज मृतक के समान होता है इसलिए हम सब को श्री देवालय संघ के संकल्पों के साथ इस अभियान में तन और मन से हिस्सा लेना चाहिए। 
डॉ. धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा प्राकृतिक चिकित्सक ने एक मिनट तक योग मुद्रा के माध्यम से लोगों में नई ऊर्जा जागृत की और इसके साथ-साथ श्री देवालय संघ के उद्घोष गीत जय हो मात-पिता की करतल ध्वनि के साथ योग करवाया। 
कार्यक्रम में आए सभी संस्कृति रक्षकों ने एक साथ एक स्वर में श्री देवालय संघ के तीनों संकल्पों को दोहराया। दीपक कुमार जैन ने आए सभी संस्कृति रक्षकों को मानवता के बारे में बताया और मानवता के प्रति जन जन को जागरूक करने का आह्वान किया। 
श्री देवालय संघ के प्रभारी वरिष्ठ पत्रकार रजनीकान्त तिवारी ने कार्यक्रम में आए सभी संस्कृति रक्षकों का आभार प्रकट किया। 
इस अभियान में वरिष्ठ कवि प्रदीप मिश्र अजनबी , प्रदीप कौशिक, डॉ. राम , महंत श्याम सुंदर दास , नन्द किशोर गुप्ता, कृष्ण शास्त्री, महेश कुमार , गायत्री पाल ने इस अभियान में भाग लिया।

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