क्या अरुण यादव कह देंगे कांग्रेस को अलविदा?

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चर्चा में आ गया अरुण यादव का मोहन यादव प्रेम

(डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’)

भोपाल। सियासत का ऊँट कब किस करवट बैठ जाएँ यह तय नहीं होता, कभी भाजपा के घोर विरोधी रहने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक से अपने समर्थक विधायक-मंत्रियों के साथ भाजपा में शामिल होकर प्रदेश की सरकार बदल देते है और देश को चौका देते है। वैसे ही हाल इस समय अरुण यादव की उपेक्षा से नज़र आ रहें है। बुरी हार का दंश झेल रही कांग्रेस ने पीसीसी चीफ़ के लिए फिर भरोसा भी तो हारे हुए विधायक जीतू पटवारी पर ही किया और अरुण यादव को दरकिनार किया है।
उसी के साथ दिग्विजयसिंह, कमलनाथ, अजय सिंह राहुल, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया जैसे दिग्गज नेताओं को कांग्रेस आलाकमान ने लूप लाइन में डाल दिया।

बधाई के बहाने अरुण की पीड़ा


हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में शिव ‘राज’ के बाद अब मोहन ‘राज’ की शुरुआत हो चुकी है। नए मुख्यमंत्री मोहन यादव को बधाई देने उनके समर्थकों सहित पार्टी नेताओं में होड़ मची हुई है। इन बधाइयों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा एक खास बधाई की हो रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भी अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट से नए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए पोस्ट शेयर की है, जो कि अब चर्चा का विषय बन गई है। अपनी पोस्ट में अरुण ने अपने पिता की फोटो भी लगाई है। कांग्रेस नेता की इस पोस्ट पर लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है कि बधाई कुछ ज्यादा नहीं हो गई? कई लोग इस बधाई को भाजपा-कांग्रेस की ओबीसी सियासत से जोड़कर, तो कुछ आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।
इन बधाइयों के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के नेतृत्व में किए बदलाव से भी अरुण यादव को मुक्त ही रखा है। काफ़ी लंबे समय से कांग्रेस में अरुण को उपेक्षित रखा जा रहा है जबकि अरुण खुद एक मजबूत और कद्दावर नेता है, जिन्होंने पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। और उनके पिता सुभाष यादव पूर्व उपमुख्यमंत्री रहें है। इतनी उपेक्षा और अपमान के बाद क्या अरुण यादव कांग्रेस को अलविदा कहेंगे? यह तो भविष्य के गर्भ में है पर इतना तय गई हैं कि भाजपा ने जब से डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है तब से अरुण यादव का यादव प्रेम मजबूत (या मजबूर) होता जा रहा है। अरुण यादव का जाना मालवा-निमाड़ में ख़ासकर पूर्वी निमाड़ में कांग्रेस को अधिक कमज़ोर कर देगा।

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