स्थानीय साहित्यकारों को मिलेगा संवाद का अवसर
इन्दौर। विश्व संवाद केंद्र मालवा का वार्षिक आयोजन “नर्मदा साहित्य मंथन” का द्वितीय सौपान भोजपर्व के रूप में 22, 23 और 24 जनवरी को धार में सम्पन्न होगा, देश के स्वनामधन्य साहित्यकार, विचारक,लेखक और इतिहासकार करेंगे सत्रों को संबोधित। इस सम्बंध में डॉ मुकेश मोड़ व दिनेश गुप्ता ने पत्रकार वार्ता करके जानकारी दी।
माँ वाग्देवी एवं राजा भोज की नगरी धार में देश के प्रतिष्ठित साहित्योत्सव नर्मदा साहित्य मंथन का द्वितीय सौपान का आयोजन “भोजपर्व” के रूप में सम्पन्न होगा। पिछले वर्ष यह आयोजन माँ अहल्या बाई होलकर की राजधानी रही महेश्वर नगरी में सम्पन्न हुआ था।
अब तक 500 से अधिक पंजीयन हो चुके भोजपर्व के लिए
त्रि-दिवसीय इस आयोजन में देश के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक, संविधान विशेषज्ञ, इतिहासकार व पत्रकार विभिन्न विषयों पर सत्रों को संबोधित करेंगे।
नर्मदा साहित्य मंथन का उद्देश्य सभी साहित्यकारों, लेखको को एक मंच पर लाना है तथा वर्तमान और भावी पीढ़ी के मध्य सेतु का कार्य करना है, इसीलिए कार्यक्रम में प्रतिभागी के रूप में बड़ी संख्या में साहित्यकार, स्तम्भ लेखक और पत्रकारिता के विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे, जो अतिथि वक्ताओं के सत्रों को सुनेंगे, उनसे प्रश्न व अनौपचारिक संवाद कर सकेंगे।
राजा भोज के व्यक्तित्व, कृतित्व पर होगा मन्थन
साहित्य मंथन से एक दिवस पूर्व सायं को प्रदर्शनी का उदघाटन धार के प्रतिष्ठित जनों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा तथा अगले दिवस प्रात: 9 बजे से साहित्य संघोष, नर्मदाष्टक व कलश स्थापना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ होगा।
उदघाटन सत्र के पश्चात सत्रों का सतत क्रम प्रारम्भ होगा, रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा नाट्य मंचन आयोजित होंगे। प्रतिभागियों द्वारा अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए कार्यक्रम स्थल पर अभिव्यक्ति मंच भी होगा।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल ले. जन. गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान, आमचो बस्तर जैसे उपन्यास के लेखक राजीव रंजन प्रसाद, डॉ कुसुमलता केडिया, स्वामी सूर्यदेव, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक रहे धर्मवीर शर्मा, लब्धप्रतिष्ठित लेखक प्रशांत पोल, द आर्गेनाइजर के सम्पादक प्रफुल्ल केतकर , संविधान विशेषज्ञ श्री डी.के. दुबे, साँची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ नीरजा गुप्ता, संगीत वर्मा, बालमुकुन्द, शिक्षाविद भगवती प्रकाश, शहीद समरसता मिशन के संस्थापक मोहन नारायण और मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे रहेंगे।
नर्मदा साहित्य मंथन में बहुत सी कृतियों के विमोचन भी होंगे साथ ही पुस्तक विक्रय केंद्र भी होंगे।
कार्यक्रम में आने हेतु बड़ी संख्या में पंजीयन हो रहे है, साथ ही आलेख/निबन्ध/लघुकथा प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में प्रविष्टियाँ प्राप्त हो रही है।
कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी ,धार आने के लिए सुलभ मार्गो की जानकारी ,कार्यक्रम की समय -सारणी इत्यादि सभी जानकारी narmadasahityamanthan.in वेबसाइट पर उपलब्ध हैं ।
त्रिदिवसीय इस महोत्सव की सभी जानकारी नर्मदा साहित्य मंथन तथा विश्व संवाद केंद्र मालवा के सोशल मीडिया प्लेटफार्म से प्राप्त कर सकते हैं ।
नर्मदा साहित्य मंथन में आयोजित होने वाले सभी सत्रों का सीधा प्रसारण नर्मदा साहित्य मंथन एवं विश्व संवाद केन्द्र मालवा के फेसबुक पेज एवं यूट्यूब चेनल पर होगा
भोजपर्व शीर्षक का उद्देश्य राजा भोज के जीवन, उनके कृतित्व, दर्शन, साहित्य,राजस्व,राजव्यवस्था इत्यादि को समाज के सम्मुख लाना है,ताकि हम सब अपने अतीत पर गर्व कर सकें
इस आयोजन की महत्ता बहुत अधिक हैं ,यदि कोई भी व्यक्ति कार्यक्रम के सत्रों के विषय और वक्ताओं की सूची को देखेगा तो वह सहज ही समझ जाएगा कि इस कार्यक्रम के कितने दूरगामी परिणाम होंगे , हमने सत्र योजना करते हुए देश भर के साथ ही मालवा -निमाड़ के वह विषय जिनपर संवाद होना चाहिए ,लेकिन किसी कारण से नहीं होता ,हमने ऐसे सभी विषयों पर सत्र रखने का प्रयास किया है ,चाहे वह भोजशाला एक स्थापित विश्वविद्यालय हो, भोज की राजव्यवस्था हो या अनुसूचित जातियों व जनजातियो के मध्य चल रहें षड्यंत्र हो अथवा साहित्य में उनकी विद्रूपता हो या फिर भारतीय समाज में नारी विमर्श जैसा महत्वपूर्ण विषय हो लगभग ऐसे सभी महत्वपूर्ण विषयों पर हमने सत्रों की योजना की हैं ।