सोहन काग
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खबर हलचल न्यूज़ भोपाल
पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ मप्र के तत्वाधान में चलने वाले “संविधान रक्षा आंदोलन” के प्रतिनिधिमंडल को महामहिम राज्यपाल महोदय ने आज 12.45PM पर राजभवन बुलाया था जिसमें 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम से मुलाकात कर उनको संविधान की प्रति, बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा जो कि ये सहायक प्राध्यापक बाबासाहेब के जन्म स्थल महू से लेकर से पैदल लेकर आये थे उसको भेंट कर स्वयं के संवैधानिक अधिकार (नियुक्ति) की मांग की और उनको अपनी पीड़ा से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम से निवेदन किया कि 15 माह के लंबे इंतजार के पश्चात भी पीएससी जैसी संवैधानिक संस्था से चयन होने पर भी शासन ने अभी तक मात्र 33 लोगों को ही जॉइनिंग दी है और मात्र 124 लोगों को जॉइनिंग देने का बोल रहा है।लगभग 2500 चयनित अभ्यर्थियों को शासन नियुक्ति नहीं दे रहा है जबकि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश अनुसार लगभग 2500 चयनितों को नियुक्ति देने के लिए शासन स्वतंत्र है। इतनी लंबी दूरी से पैदल चलने के कारण इन सहायक प्राध्यापकों के पैरों में बड़े-बड़े छाले पड़ गए हैं एवं कई सहायक प्राध्यापक निरंतर यात्रा और पिछले 4 दिन से नीलम पार्क में खुले आसमान के नीचे रहने के कारण से बीमार पड़ने लगे हैं।इनकी समस्त पीड़ाओं को महामहिम ने ध्यानपूर्वक सुना और इनके प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि वे मुख्यमंत्री जी और उच्च शिक्षा मंत्री जी से बात करके इनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगे। वहीं धरना स्थल पर नीलम पार्क में कई विद्वान शिक्षकों एवं प्राध्यापकों का इन्हें निरंतर समर्थन पत्र मिल रहा है मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष लच्छीराम इंगले में धरना स्थल पर आकर पीएससी चयनित को समर्थन पत्र देते हुए शासन से शीघ्र नियुक्ति की मांग करी प्रमुख शिक्षाविद श्री व्यास ने भी धरना स्थल पर आकर सैनिकों को संबोधित करते हुए सांत्वना दें और प्रेरित करते हुए कहा कि जब तक आपको आपके अधिकार नहीं मिल जाते हैं तब तक आप आंदोलन की निरंतरता को बनाए रखें और उन्होंने शासन से अपील की इससे इन्हें नियुक्ति प्रदान की जाए ताकि महाविद्यालयों का शैक्षणिक स्तर ऊंचा उठ सके ये आंदोलन अब जन आंदोलन में तब्दील होने लगा है l लगभग 1500 आमजन ने हस्ताक्षर करके पीएससी चयनितो के नियुक्ति के अधिकार हेतु इन सहायक प्राध्यापकों का समर्थन किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रकाश खातरकर