(पन्नालाल गेहलोत)
मनावर। हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर तहसील के ग्राम गुलाटी की जी हां शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय ग्राम गुलाटी, तहसील मनावर जिला धार के प्रधान पाठक श्री शंकर लाल काग सर की जिन्होंने विगत 7 वर्षों से अपने अथक प्रयासों से विद्यालय को राष्ट्र प्रेम और संस्कारों की जिवंत मिसाल बना दिया है लेकिन श्री काग सर के द्वारा अभी जो नवीन कार्य किया गया वह निश्चित ही भृष्ट तंत्र की मुख बधिरता को सक्रियता प्रदान करने योग्य पहल है काग सर ने स्वयं के खर्च पर मिनी ट्रैक्टर महिंद्रा शान खरीदा तथा जुगाड़ द्वारा उस पर बच्चियों को बैठने के लिए कुर्सियां और शेड बनवाया जिससे की वर्षा व धूप से बचाव हो सके तथा प्रतिदिन उन्हें 3 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम टेमरिया पूरा से गुलाटी स्थित विद्यालय तक लाने- ले जाने का कार्य स्वयं के द्वारा निशुल्क किया जाता है इस कार्य के लिए उन्हें डेढ़ लाख रुपए का खर्च लगा। इतना ही नहीं सर्दियों के मौसम में गरीब बच्चे बच्चियों को ठंड से बचाव हेतु स्वेटर व मोजे भी प्रदान किए जाते हैं। गत सत्र 2018-19 मे शासन द्वारा गणवेश विलंब से प्रदान की गयी थी लेकिन श्री काग सर के द्वारा जुलाई माह मे ही दो जोडी गणवेश छात्राओं के लिए स्वयं के खर्च द्वारा बनवाई गयी थी।ऐसे कयी उत्कृष्ट कार्य श्री काग सर द्वारा विद्यालय के लिये किये गये जो विधायलय परिसर की में प्रवेश करने के पहले ही विद्यालय की रचनात्मकता को प्रदर्शित करते है वहा की व्यवस्था एवं छात्राओं का स्तर किसी निजी संस्थान से कहीं ज्यादा उत्कृष्ट है इस प्रकार के सराहनीय एवं चुनौतीपूर्ण कार्य करने के लिए श्री काग सर को शिक्षक दिवस पर जिलाधीश महोदय धार द्वारा भी 15 अगस्त को सम्मानित किया जा चुका है उनके इस जस्बे ओर अथक प्रयासों से कई पलको ने अपने निकट ग्राम के स्कूलों से अपने नानिहलो को गुलाटी ग्राम में प्रवेश दिला रहे है जब इस विषय मे श्री काग सर से पूछा गया की एक तरफ भ्रष्टाचार व महंगाई चरमता को छु रही है ऐसे में आप ये सब कैसे कर लेते है तो उन्होंने कहा यदी मेरी मुझे जो सेलरी सरकार दे रही है यदी उससे थोड़ी ओर कम होती तो क्या में अध्यापन का कार्य छोड़ देता वही वउन्होने कहा की कुछ समाज सेवी भी हमारे इस कार्य को देख के कुछ मदद कर देते है जैसे कूलर पंखे लगवा के तो वही सह शिक्षकों का भी भरपूर सहयोग मिलता है जिससे कार्य करने की ऊर्जा बनी रहती है।
उन्होंने बताया की बिच बिच में एक अफवाहों का दौर चला था जिसमे बच्चा चोर गिरोहों द्वारा बच्चे चुराने की बात सुन के पालक गण अपने छोटे बच्चो को विद्यालय भेजने से डरते थे इसलिये मुझे ये ट्रेक्टर की युक्ति सूझी की क्यो ना में खुद बच्चो को उनके घर से जवाबदारी से लेने छोड़ने जावु बस यही सोच ने पलको का विश्वास पुनः जिवंत कर दिया।