सूदखोरी पर कब लगेगी लगाम…
शहर में सूद से परेशान
कई लोगों ने दी जान
आनंद जैन इंदौर। दो दीन पहले 35 वर्ष के युवक ने इसलिए जान दे दी की उसे सूदखोर परेशान कर रहे थे। मां के इलाज के लिए गए पैसे को इतना बडा चडा दिया गया कि वह पैसे देने में असर्मथ हो गया। बार बार धमकी व तगाजे से तंग होकर जान देने पर उतारू हो गया।अपनी जान से चला गया।
इससे पहले कुछ महीने पहले सियागंज के 70 वर्षीय व्यापारी ने कारोबार में घाटा आने के बाद बाजार से ब्याज पर पैसा उठाया। ब्याज भी समय पर चुका रहे थे। सूदखोरी का चक्रवर्द्धि ब्याज इतना हो गया कि परेशान होकर खजराना मंदिर में जाकर जहर खाकर जान देने की कोशिश की।गनीमत थी कि परिवार के लोग समय पर अस्पताल लेकर पहुचे और जान बच गई। बयानों के आधार पर मामला सूदखोरी का नजर आया। पुलिस ने लिपापोती करके मामले को टाल दिया। उसी व्यापारी ने कुछ महिनों बाद फिर जहर खा लिया और वह मर गया। क्या पुलिस ने उन सूदखोरों पर कोई कार्रवाई की थी? नहीं की तो क्यों नहीं की?
शहर में एक बडा रैकेट सूदखोर बिरादरी का बन चुका है।जो परेशान लोगों को उच्च ब्याजदर पर पैसा देता है। अमानत के तौर पर घर,मकान,दुकान,वाहन के साथ जैवर तक रख लेता है। चक्रवद्धि ब्याज लगाकर सूदखोर ब्याजधारी को उलझा देता है। क ई बार तो मानसिक के साथ शारीरिक कष्ट भी सूदखोरो द्रारा दिए जाते है। तंग आकर वह जान दे देता है। अनाथ हो जाता है उसका परिवार।
सूदखोरों पर पुलिस की नजर रहती है लेकिन क ई बार मामला सेटलमेंट होकर दब जाता है। कच्ची पर्ची पर चलने वाले सूदखोरी के धंधे में तगडा मुनाफा कमाया जाता है। सूदखोर ब्याज का त्याज लगाकर वसूली करते है। सूत्रों की माने तो अधिकाश सूदखोरों में गुंडे, बदमाशों के साथ खाकीधारी भी शामिल है। जो डरा धमका कर पैसा वसूली करने में माहिर होते है।
ये बनते है टारगेट- रोज फेरी लगाने वाला,सब्जीवाला,होटलवाला,छोटा व्यापारी। कुछ लोग धंधे के कारण कुछ लोग परेशानी के चलते ब्याज पर पैसा उठाते है। समय पर पैसा चुकाने के चक्कर में वह और उलझ जाते है। दबाव में गलत कदम उठा कर जान तक गवा देते है।
ऐसे बंद हो सकता है सूदखोरी का व्यापार-
पुलिस उन सूदखोरों की लिस्ट बनाऐ जो उचे दर पर ब्याज देते है।
2.सूदखोरो पर सख्त कारवाई हो
सूदखोरी पर कब लगेगी लगाम… शहर में सूद से परेशान कई लोगों ने दी जान
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