देवास टोंक खुर्द भारत शासन व यूनिसेफ विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वावधान में प्रदेश स्तर पर मिजल्स रूबैला टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य 2020 तक इस घातक बीमारी को जड़ से समाप्त करना है। इसी तारतम्य में गत सोमवार को ग्राम रन्धनखेड़ी, भैरवाखेड़ी, चिड़ावद, रतनखेड़ी, बनासरी, रणायरगाड़री, जसम्या, नानूखेड़ी, बरखेड़ा, पिपल्यासड़क व भटोनी के शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में 85 प्रतिशत टीकाकरण किया गया।
इस संबंध में बी.एम.ओ. डॉ. महेश धाकड़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन ग्रामों में 3337 बच्चों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 2831 बच्चों का टीकाकरण कर 85 प्रतिशत कार्य हुआ। स्वास्थ्य सुपरवाइजर कृष्णमूर्ति शिवहरे ने बताया रणायरगाड़री में जनप्रतिनिधि हुकमसिंह पटेल, चिड़ावद में सरपंच रूस्तमसिंह पटेल व बरखेड़ा में सरपंच प्रतिनिधि बाबूलाल कड़ौदिया ने टीकाकरण की शुरुआत कर बच्चों को प्रमाण पत्र दिए। बी.ई.ई. गोवर्धनसिंह पारसनिया, बी.पी.एम. मुकेश उपाध्याय के मार्गदर्शन में जसम्या में 95 प्रतिशत नानूखेड़ी में 100, भटोनी में 100, रणायरगाड़री में 85, बरखेड़ा में 93, रतनखेड़ी में 96 प्रतिशत बच्चों को टीकें लगाये गये। डब्ल्यू.एच.ओ. टीम के डॉ. विश्वास द्वारा चिड़ावद, बरखेड़ा, आदि विद्यालयों का निरीक्षण किया। जहाँ श्री शिवहरे ने व्यवस्था से अवगत कराया। विभाग की टीम विक्रमसिंह नागर, ए.एन.एम. आशा यादव, मंजुला मर्सकोले, गर्विता परिहार, शोभा यादव, अलका यादव, कल्पना रामटेके, दीपा देवड़ा, ममता भट्ट, रानी सिंह, मोहिनी काले, शारदा रावत, जयश्री बोराड़े, कल्पना दास, गुलरेज़ शेख, सुभाष पटेल व विद्यालय के कर्मचारियों एवं बच्चों के पालकों का विशेष सहयोग रहा।