फसल नुकसानी का आकलन प्लाट डालकर होगा
रिपोर्टर नाजिश कुरेशी टोंक खुर्द
देवास टोंक खुर्द गेहूं चने की फसल को शीतलहर और ठंड से नुकसान पहु़चा।वर्तमान में क्षैत्र की फसल को नुकसान पहु़चा कुछ दिनो पूर्व ठंड से फसल को नुकसान हुआ था।उसके बाद पिछले दो तीन दिनो से पड़ रही ठंड ने पूरी फसल को चौपट कर दिया।फसल में नुकसान होने के बाद अब फसल बीमा मिलने की उम्मीद किसानो ने लगा रखी है।जिला काग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जसवंत सिंह राजपूत ने बताया कि किसान का राष्ट्रीकृत बैंक,सहकारी बैंको में ऋण के साथ फसल बीमा की प्रिमियम किसान के खाते से जमा होती है।अऋणी किसानो का फसल बीमा पृथक से किया जाता है।क्षैत्र में फसल की नुकसानी का आकलन संबधित हल्का पटवारी द्वारा किया जाता है।राजपूत ने बताया की भू अभिलेख शाखा द्वारा जारी रैण्डम नंबर में गांव के अंतिम खसरा बी वन का भाग दिया जाता है।भाग देने के बाद गांव का जो नंबर आये उसमें प्लाट डलता,टोककला में चने की फसल के रेण्डम प्रक्रिया अनुसार चार प्लाट खेत में पच्चीस वर्ग मीटर में प्लाट डलेगा।जिसमें दो ग्रामसेवक द्वारा क्रमशः सर्वे क्र.648 जसवंत सिंह राजपूत,सर्वै क्र.923 नाथूलाल पिता कोदाजी,तथा दो प्लाट पटवारी द्वारा क्रमशः सर्वे क्र.231 विमलाबाई पति जगदीश श्रीवास्तव,सर्वे क्र.545/2 रमाबाई पिता भागीरथ मण्डलोई के खेत में 5 बाँय 5 बाँय मीटर कुल पच्चीस वर्ग मीटर का प्लाँट डाला जायेगा।प्लाँट संबधित बीमा कंपनी की मौजूदगी में डाला जायेगा।इसके बाद उक्त एरिया के उप्तादन का आकलन बीमा कंपनी के अधिकारी द्वारा किया जायेगा।इस मान से पूरे गांव की नुकसानी का आकलन कर बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम की राशि किसानो के खाते में जमा होगी।राजपूत ने केन्द्र शासन पर आरोप लगाया की जो केन्द् सरकार की बीमा योजना है यह बहुत ही जटिल है,इससे किसान को नुकसान ही होगा।इस प्रक्रिया के माध्यम से