देवास जिला केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

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देवास जिला केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन 
देवास। देवास जिला केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा 8 जनवरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। देवास जिला केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद कोठारी ने बताया कि म.प्र. केमिस्ट एसोसिएशन के आव्हान पर 8 जनवरी को देवास जिले के सभी केमिस्ट साथियों ने कोठारी नर्सिंग होम पर एकत्रित होकर रैली के रूप में कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एडीएम सूर्यवंशी को सौंपा।  ज्ञापन में बताया गया कि म.प्र. केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन प्रदेश के सभी 28000 के केमिस्टों का प्रादेशिक संगठन है ऑल इंडिया आर्गनाईजेशन ऑफ केमिस्टस एण्ड ड्रगिस्ट, देश के सभी सम्बद्ध राज्य संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वो मेडिसीन डीलर्स, रिटेलर्स और थोक विक्रेताओं का एक सर्वोच्च संगठन है, जिसमें 8.5 लाख से अधिक दवा विक्रेताओं की सदस्यता है। ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940, नियम 1945 के प्रावधानों की अव्हेलना करने वाली संस्थाओं द्वारा इंटरनेट पर दवा की अवैध बिक्री के खिलाफ हमने आपके कार्यालय के साथ केन्द्रीय सरकार को बार बार अपने ज्ञापन प्रस्तुत किए हैं। इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जीएसआर नम्बर 817 दिनांक 28 अगस्त 2018 को 45 दिनों का समय देते हुए प्रकाशित किया गया था, इस पर हमने आपत्तियां दर्ज करवाई थी। केन्द्रीय सरकार के अधिनियम में स्पष्ट है कि घोषणा करता है कि दवा की ऑनलाईन बिक्री के लिए ड्रग्स अधिनियम/ नियुम में कानून/नियम प्रदान नहीं किए गए है। इसलिए किसी भी व्यक्ति द्वारा दवा की बिक्री, स्टॉक, डिस्पेंसरी, ऑफर, परिवहन, निस्संदेह अवैधानिक है। 
जनहित याचिका /170/2015 के मामले में माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा ऑनलाईन बिक्री दवाओं में शामिल व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ संबंधित विभाग के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई पर स्टेटस रिपोर्ट के लिए पारित किया था उस पर आज भी कार्यवाही लंबित है। ड्रग कंटोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 30 दिसम्बर 2015 से राज्य ड्रग्स कंट्रोलर को निर्देश दिया था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य हित के लिए ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट और नियमों के उल्लंघन के लिए ऑनलाईन दवाईयों की बिक्री पर सख्त निगरानी रखें।  माननीय मद्रास और दिल्ली उच्च न्यायालय में भी विभन्न रिट/पीआईएल लंबित है। इसमें मुख्यत: दवाईयों की ऑनलाईन बिक्री को प्रतिबंधित करना है। एसोसिएशन ने मांग की है कि भारत में दवा की ऑनलाईन बिक्री करने वालों के खिलाफ तथा इनके द्वारा की जाने वाली अन्य गतिविधियों, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया, होर्डिग्स आदि में गैर कानूनी/ तर्कहीन विज्ञापन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जावे एवं इनके मालिकों, ऑपरेटरों, विज्ञापनकर्ताओं, ऐसे विज्ञापन में भाग लेने वाले कलाकारों एवं कूरियर कंपनियां जो कि ऐसी दवाओं के वितरण में लगी हुई है के खिलाफ आपराधिक शिकायतें दर्ज कर कार्यवाही की जाए। ज्ञापन का वाचन सचिव गिरधर गुप्ता ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल आवटे, नरेन्द्र अकोतिया, राम मनवानी, देवकीनंदन समाधिया, हेमंत गोयल, आशीष जखेटिया, राजेश गुप्ता, मनीष गुप्ता, मनीष मूंदड़ा, आसिफ शेख, नरेन्द्र ठाकुर, दीपक अग्रवाल, सचिन जैन, प्रकाश गौड़, संदीप माधवानी, कैलाश पोरवाल, सचिन जोशी, दीपक आहूजा, दीपेश गुप्ता, विजय तरवेचा सहित जिले भर के केमिस्ट उपस्थित थे। 
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