भरतीय थलसेना के राइफल में ने कलेक्टर वजिलास्वास्थ्य प्रमुख को दिया आवेदन
देवास- जिले की टोंकखुर्द तहसील के देवगुराडिय़ा में रहने वाले एक किसान की मृत्यु पिछले माह देवास में उपचार के दौरान हो गई थी। इस मामले में किसान के पुत्र बनेसिंह गुर्जर जो वर्तमान में भारतीय सेना में मेघालय में राइफलमैन के पद पर पदस्थ हैं, उन्होंने उपचार में एक सरकारी डॉक्टर व एक निजी अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और इस संबंध में कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय व सीएमएचओ डॉ. एस.के. सरल के नाम शिकायती आवेदन मंगलवार को दिया है।
आवेदन में उल्लेख है कि उनके पिता मांगीलाल गुर्जर इस साल मई में बीमार हुए थे। इसके बाद उनका उपचार जिला अस्पताल में करवाया गया। यहां डॉ. शिवेंद्र मिश्रा ने कई माह तक उपचार किया लेकिन बीच-बीच में जब भी चेकअप के लिए जाते तो डॉक्टर वहां नहीं मिलते थे। फोन से संपर्क करने पर कई बार उन्होंने अपने घर कालानी बाग बुलाकर जांच की। पहले फेफड़े में इंफेक्शन की बात कही फिर एक-डेढ़ माह बाद टी.बी. होने की जानकारी दी। समय पर बीमारी की जानकारी नहीं देने और जांच नहीं करने के कारण पिछले माह 4 सितंबर की शाम को मांगीलाल गुर्जर का आकस्मिक निधन हो गया। डॉ. मिश्रा शासकीय सेवा में होने के बावजूद तीन चार निजी अस्पताल में सेवाएं देते हैं, इसी कारण वो जिला अस्पताल में कई बार समय पर नहीं मिलते और मरीज परेशान होते हैं। बाद में उन पर प्राइवेट उपचार करवाने का दबाव बनाया जाता है।
सिटी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया, न ही मरीज की गंभीरता बताई
आवेदन में यह भी उल्लेख है कि 4 सितंबर को मांगीलाल गुर्जर की तबीयत अधिक बिगडऩे पर परिजन उन्हें लेकर सिटी अस्पताल अग्रोहा नगर पहुंचे। यहां पर भर्ती नहीं किया गया और इधर-उधर की जांचों के लिए शहर में दूरस्थ क्षेत्रों में भेजा गया। परिजनों ने निवेदन किया कि हीमोग्लोबिन 8 पाइंट के आसपास है तो डॉक्टर बोले इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। सिटी अस्पताल में जांच के बाद दवाइयां दी गईं और कहा गया कि एक-दो दिन बाद भर्ती कर लेंगे। ऐसे में मांगीलाल को लेकर उनके परिजन अपने रिश्तेदार के यहां देवास में ही रुक गए। यहां कुछ घंटे बाद तबीयत अधिक बिगडऩे पर परिजन फिर से उन्हें लेकर सिटी अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने हाई डोज दवा दी। इसके खाने के कुछ देर बाद ही मांगीलाल गुर्जर ने दम तोड़ दिया। पूरे मामले में डॉ. नितिन डोर ने लापरवाही की है। मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।