पीठासीन अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण।

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देवास, 12 अक्टूबर 2018/ देवास‍ जिले में विधानसभा आम निर्वाचन 2018 को व्यवस्थित व सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए मतदान दलों का प्रथम प्रशिक्षण विकासखंड मुख्यालयों पर दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी क्रमांक-1 भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण में बताया गया कि ईव्हीएम के कनेक्शन किसी भी परिस्थिति में कंट्रोल यूनिट को आन करके नही किए जाने चाहिए। मतदान के पूर्व माकपोल होगा, जिसमें कम से कम 50 मत डालना अनिवार्य है किंतु ये मत निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों को बराबर अनुपात में डाले जाने चाहिए अन्यथा उससे अधिक मत भी माकपोल के दौरान डाले जाने चाहिए। मॉक पॉल के बाद मशीनों की विधिवत सीलिंग कर मतदान प्रारंभ करें। सीलिंग की प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया तथा प्रशिक्षण ले रहे अधिकारियों से समस्त प्रकार की सीलिंग तथा मशीनों का प्रयोग करवाया गया।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा आधुनिक मॉडल की मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। सभी मशीनें अच्छी कंडिशन में हैं। इसके बावजूद यदि किसी कारण से मतदान हेतु उपयोग की जा रही मशीनों में मतदान के दौरान वीवीपेट में त्रुटि आ जाती है तो केवल वीवीपेट ही बदली जाए। किन्तु सीयू अथवा बीयू में त्रुटि आने की स्थिति में तीनों यूनिट्स बदली जाएंगी किंतु इनकी संभावना नगण्य है। मतदान प्रारंभ करने के पूर्व प्रत्येक अभ्यर्थी को एजेंटों की उपस्थिति में माकपोल करना आवश्यक है। मॉकपोल में कम से कम 50 वोट डलवाए जाएंगे। यदि एजेंट उपस्थित नहीं है तो वहां सेक्टर आफीसर अनिवार्यत रूप से उपस्थित रहे। मतदान अधिकारियों को सीयू, बीयू तथा व्हीव्हीपैट के कनेक्शन तथा उनमें आने वाले इरर की जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए ताकि मौके पर समस्या का वे निराकरण कर सके। बैटरी, लिंक इरर, प्रेस्ड एरर, या vvpat के पिछले नॉब जैसी एरर को मशीन स्विच ऑफ कर पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र पर ही ठीक कर सकते हैं। इसके लिए नई मशीन की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु प्रत्येक कार्य को पीठासीन अधिकारी की डायरी में अवश्य नोट करना है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि व्हीव्हीपैट को परिवहन के समय ट्रांसपोर्ट मोड पर ले जाना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में मतदान प्रारंभ होने के पूर्व व्हीव्हीपैट मशीन को प्रारंभ नहीं किया जाना है और न ही अपने स्तर पर टेस्टिंग की जानी है। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि मतदान के दौरान यदि किसी मतदाता द्वारा यह शिकायत की जाती है कि उसने जिस अभ्यर्थी को मत दिया है उसकी पर्ची नही निकली है। ऐसी स्थिति में संबंधित मतदाता को चैलेंज करने संबंधी प्रपत्र 49 एम ए का प्रपत्र भर कर घोषणा करनी होगी कि इससे संबंधित प्रावधान उसे ज्ञात हैं। इसके बाद पीठासीन अधिकारी द्वारा उपस्थित सभी अभिकर्ताओं के समक्ष पुनः उसी मतदाता से टेस्ट वोट कराया जाएगा। यदि उसकी शिकायत सही निकलती है तो तत्काल सेक्टर अधिकारी के माध्यम से सूचना रिटर्निग आफीसर को देनी होगी तथा उनके निर्देश प्राप्त होने पर मतदान आगें नही बढ़ेगा किंतु यदि यह चैलेंज गलत निकलता है तो भारतीय दंड संहिता धारा 177 के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। इस स्थिति में झूठे मतदाता को 6 माह तक की कारावास की सजा हो सकती है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिग कराया जाना आवश्यक है। मतदाता को मतदान केंद्र में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार समस्त नियमों का पालन आवश्यक है। यदि वह ऐसा नही करता है तो पीठासीन अधिकारी उसे मतदान करने से रोक सकेगा। पीठासीन अधिकारी को अपने सेक्टर आफीसर को प्रत्येक दो घंटे में डाले गये मतों की संख्या एवं प्रतिशत की जानकारी देनी होगी।
प्रशिक्षण में बताया गया कि मतदान दल मतदान सामग्री प्राप्त करते समय सभी सामग्री का मिलान आवश्यक रूप से कर लें। आयोग के निर्देशानुसार मतदान पूर्व तैयारी एक दिन पहले ही कर लें। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग द्वारा जारी प्रपत्रों में सभी जानकारियां पूर्ण कर लें जिससे उन्हें वापसी के दौरान किसी भी असुविधा का सामना नही करना पड़े। मतदान दल निर्धारित वाहन से निर्धारित रूट में मार्गदर्शक के निर्देशन में मतदान केंद्र में पहुंचेगा तथा वापस आएगा। स्वयं के वाहन के उपयोग की अनुमति नही होगी। मतदान दल किसी अभ्यर्थी या किसी दल अथवा अन्य किसी व्यक्ति का सत्कार स्वीकार नही करेगा।

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