धन बल के दुरूपयोग को रोकने के लिए सख्ती से होगी कार्रवाई*

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*बड़वानी कपिलेश शर्मा -/* इस बार चुनाव आयोग निर्वाचन के दौरान उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय तथा धन बल का दुरूपयोग कर मतदाताओं को प्रभावित करने के संबंध में विशेष सतर्कता एवं सतत् माॅनीटरिंग कर रहा है। मतदाताओं को प्रभावित करने में धन बल का दुरूपयोग सख्ती से रोका जाएगा तथा ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित किया जा सके।
किया जा सकता है अयोग्य घोषित
मतदाता को धन-बल का दुरूपयोग कर प्रभावित करने, मदिरा आदि वस्तुओं का वितरण करने, समय पर व्यय लेखा जमा न करने, निर्धारित तरीके से व्यय लेखा जमा न करने, गलत व्यय लेखा देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10-ए के तहत उम्मीदवारी से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसके साथ अधिनियम की धारा 170 बी के तहत कारावास की सजा का प्रावधान है। वही अधिनियम के अन्तर्गत राशि लेने अथवा मदिरा आदि अन्य वस्तु लेने वाले के विरूद्ध भी कार्रवाई हो सकती है।
विजयी प्रत्याशी का निर्वाचन हो सकता है अवैध घोषित
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के अधिकतम चुनावी व्यय की सीमा 28 लाख रूपये निर्धारित की गई है।यदि विजयी प्रत्याशी के खर्च की सीमा इससे अधिक पाई जाती है तो उसका निर्वाचन अवैध घोषित किया जा सकता है।
50 हजार से अधिक नकदी लेकर न चलें
निर्वाचन आयोग द्वारा कहा गया है कि चुनाव प्रकिया के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों में अभ्यर्थी एवं अभिकर्ता 50 हजार रूपये से अधिक नकद लेकर न चलें। यदि निर्वाचन के दौरान किसी पार्टी के बैनर, पोस्टर के साथ नकद या उपहार पाया जाता है अथवा 50 हजार से अधिक नकद राशि पाई जाती है तो असंवैधानिक सामग्री की जब्ती की प्रक्रिया की जायेगी। इसी के साथ ही एफआईआर दर्ज कराई जाकर रिटर्निंग अधिकारी के नोटिस बोर्ड पर लगाई जायेगी।
निर्वाचन व्यय के लिए पृथक बैंक खाता
नामांकन के कम से कम एक सप्ताह पूर्व प्रत्याशी को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर में पृथक से बैंक खाता खोलना होगा। निर्वाचन व्यय के संबंध में 20 हजार रूपये से अधिक का भुगतान अकाउंट पेयी चैक द्वारा ही किया जाये। परिणामों की घोषणा के 30 दिन के अंदर निर्वाचन कार्यालय को व्यय लेखे का विवरण, बैंक खाते के विवरण के साथ जमा करना होगा।
प्रतिदिन रखना होगा हिसाब
प्रत्याशी को प्रतिदिन अपने निर्वाचन व्यय का हिसाब निर्धारित पंजी में रखना होगा। निर्धारित दिनांकों पर उसे यह हिसाब मय बिल एवं वाउचर्स के जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करना होगा। कोई भी आम व्यक्ति इस हिसाब की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्धारित शुल्क जमा कर प्राप्त कर सकेगा।
जनसम्पर्क कार्यालय रख रहा है पेड न्यूज पर नजर
जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एक दल गठित किया गया है, जिसमें उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी जिला जनसम्पर्क अधिकारी, जनसम्पर्क कार्यालय के कर्मचारी तथा प्रेस क्लब के अध्यक्ष शामिल है, जो प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया द्वारा उम्मीदवारों से ली गई पेड न्यूज के प्रसारण एवं छापे जाने पर नजर तथा ब्यौरा रखेंगे।
प्रिन्ट सामग्री पर प्रेस एवं प्रकाशक का नाम देना अनिवार्य है
सभी प्रकार की प्रिन्ट सामग्री, जिसमें प्रचार विज्ञापन सम्मिलित हों, के लिए प्रेस तथा प्रकाशक का नाम, पता, प्रतियों की संख्या मुद्रित करना आवश्यक होगा। इन पर खर्च की गई राशि का विवरण भी निर्वाचन कार्यालय को तुरंत भिजवाना होगा। प्रिन्ट, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, केबल नेटवर्क तथा एफएम रेडियो की सूक्ष्मता से माॅनीटरिंग की जायेगी।

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