’59 टुकड़ों को 2-3 महीने में ठिकाने लगाना चाहता था मेरा भाई’, महालक्ष्मी मर्डर केस में बड़ा खुलासा

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बेंगलुरु। दिल दहला देने वाले बेंगलुरु मर्डर केस में मुख्य आरोपी मुक्ति रंजन रे ने दो-तीन महीने बाद महालक्ष्मी की बॉडी को ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी, यह दावा किया है मुक्ति के छोटे भाई सत्या ने। बुधवार को मुक्ति का शव भद्रक जिले के भुइपुर गांव में एक पेड़ से लटका मिला था। मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी के शव को 59 टुकड़ों में काटकर उनको फ्रिज में रख दिया था।
पुलिस को आशंका है कि उसने पकड़े जाने के डर से आत्महत्या कर ली। बेंगलुरु पुलिस पिछले कई दिनों से मुक्ति को पकड़ने के लिए ओडिशा में डेरा डाले हुए थी।
इस बीच इंजीनियरिंग स्टूडेंट सत्या ने कहा, ‘मेरा भाई बहरामपुर में मेरे पास आया था, जहां मैं पढ़ाई कर रहा हूं और मुझे सब कुछ बताया। महिला की घर में हत्या करने के बाद वह उसे फांसी पर लटकाकर सुसाइड का केस बनाना चाहता था, लेकिन जब उसका प्लान फेल हो गया तो उसने बॉडी को कई टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया।’

सत्या ने कहा कि महालक्ष्मी अपने पति से अलग हो चुकी थी और उसने मुक्ति को धोखा दिया था। वह उससे शादी करना चाहता था। उनके रिश्ते में कुछ वजहों से तनाव पैदा हो गया था। बेंगलुरु के शॉपिंग मॉल के एक गारमेंट स्टोर में महालक्ष्मी और मुक्ति काम किया करते थे।

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