राम के थे और रहेंगे; कांग्रेस में जाने की ‘इच्छा’ पर गायक कन्हैया मित्तल ने मांगी माफी

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जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे…; इस गीत को लेकर देशभर में मशहूर हो चुके गायक कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में जाने की अपनी इच्छा त्याग दी है। उन्होंने इस विचार के लिए माफी मांगते हुए यह बात कही है। मित्तल ने भाजपा को धन्यवाद कहते हुए यह भी कहा है कि उन्हें यह नहीं पता था कि पार्टी नेतृत्व उन्हें इतना प्यार करता है।
कन्हैया मित्तल ने एक वीडियो जारी करके अपने फैसले की जानकारी दी और कहा कि कांग्रेस में जाने की जो बात उन्होंने कही थी वह गलत थी। उन्होंने इसके लिए एक से अधिक बार माफी मांगी। मित्तल ने कहा, ‘पिछले दो दिनों से मुझे यह अहसास हुआ कि मेरे सभी सनातनी भाई-बहन और खासकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुझे कितना प्यार करता है और इतनी चिंता करता है। दो दिनों से देख रहा हूं कि आप सब परेशान हैं, मैं क्षमा चाहता हूं। और जो मेरे मन की बात थी कि कांग्रेस जॉइन करना चाहता हूं उसे वापस लेता हूं।’

कन्हैया ने आगे कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि किसी भी सनातनी का भरोसा टूटे। आज मैं टूटूंगा तो पता नहीं कितने और टूटेंगे। हम सब मिलकर राम के थे, राम के हैं और राम के रहेंगे। पुन: आप सबसे क्षमाप्रार्थी हूं। आप सब डिस्टर्ब हुए, अपने ही परेशान होते हैं। मुझे लगा कि मेरे मन की बात गलत थी, इसे वापस लेता हूं। आप ऐसे ही जुड़े रहें और देश की सेवा करते रहे। एक बार फिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मैं धन्यवाद करता हूं।’

मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में जाने की बात कही थी। वह हरियाणा में विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। माना जा रहा है कि उन्हें भाजपा से विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कांग्रेस से दांव आजमाने की कोशिश की। यह अभी साफ नहीं है कि कांग्रेस से उनकी कुछ बातचीत हो पाई थी या नहीं या फिर यह किस स्तर तक थी।

कन्हैया मित्तल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े प्रशंसक हैं। चुनाव चुनाव के दौरान उनका गीत एक तरह से भाजपा के प्रचार का थीम बन गया था। ऐसे में कन्हैया के कांग्रेस से जुड़ने की बात सामने आने पर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं। इसे भाजपा के लिए झटके के तौर पर देखा जाने लगा था।

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