विश्व महिला दिवस पर अभ्यास मंडल ने महिला पत्रकारों को किया सम्मानित

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समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से देश और अधिक तरक्की करेगा

विधि और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिशत कम, टीचिंग, आई टी, मेडिकल, पत्रकारिता में अधिक।

इंदौर। विश्व महिला दिवस पर सामाजिक सरोकार से जुड़ी अराजनैतिक संस्था अभ्यास मंडल ने आज चार महिला पत्रकारों नीता सिसोदिया, डॉ. सोनाली नरगुन्दे, नेहा मराठे और नासिरा मंसूरी को सम्मानित किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अर्चना खेर अतिरिक्त महाधिवक्ता मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय रहीं व अध्यक्षता इन्दौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने की। आयोजन हिंदी साहित्य समिति सभागार में किया गया।

इस मौके पर राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर श्रीमती अर्चना खेर ने कहा कि ‘महिला के बिना घर, परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती है। देश में महिलाओं की भागीदारी जितनी अधिक बढ़ेगी वह उतना अधिक तेज़ी से विकास करेगा। जिस क्षेत्र में महिलाएँ हैं, वहाँ शांतिपूर्ण माहौल रहता है, अनुशासन दिखाई देता है, भ्रष्टाचार नहीं होता है। एक महिला एक अच्छी संचालक होने के साथ–साथ एक कुशल प्रशासक भी होती है।’

श्रीमती खेर ने आगे कहा कि ’आज़ादी के बाद इंदौर हाईकोर्ट में एक भी महिला न अतिरिक्त महाधिवक्ता बनी और न उप महाधिवक्ता बनी। पुरुष समाज ने कभी इसकी कोशिश ही नहीं की। सुप्रीम कोर्ट में भी कोई महिला मुख्य न्यायाधीश नहीं बनी। विधि और न्यायपालिका के अलावा राजनीति में भी महिलाओं का प्रतिशत आज भी कम है। इस दिशा मे गंभीर चिंतन की ज़रूरत है। हालांकि शिक्षा, पत्रकारिता, मेडिकल, आई टी क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ महिलाओं का प्रतिशत अधिक है। पहले महिलाएँ उद्यम के नाम पर पापड़, आचार बनाने तक सीमित थीं लेकिन आज महिलाएँ किसी उद्योग की सीईओ से लेकर उसकी मालकिन तक हैं। यह एक अच्छा शुभ संकेत है।’
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अरविंद तिवारी ने कहा कि ’पत्रकारिता जोख़िम भरा कार्य है विशेषकर फ़ील्ड में जाकर के काम करना। आज महिला पत्रकार ऐसे क्षेत्रों में भी काम कर रही हैं, जो अभी तक पुरुषों के माने जाते थे। केवल प्रिंट मीडिया में ही नहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी स्पॉट रिपोर्टिंग कर रही हैं। इंदौर शहर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कोरोना काल में महिला पत्रकारों ने शानदार रिपोर्टिंग की, जिसकी चर्चा आज भी होती है।’ सभी सम्मानित महिला पत्रकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किये, जिसमें यह बात उभर कर आई कि महिलाओं के साथ आज भी पक्षपात होता है, काम से लेकर वेतन तक में।
अतिथि स्वागत दीप्ति गौर और अनिता परमार ने किया। प्रतीक चिह्न गौतम कोठारी ने प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन वैशाली खरे और पल्लवी अढाव ने किया। आभार माना ग्रीष्मा त्रिवेदी ने माना।
कार्यक्रम में श्याम सुंदर यादव, डॉ. ओ पी जोशी, मनोहर देव, एन के उपाध्याय, हरेराम वाजपाई, रजनी भंडारी, सुशीला यादव, नूर मोहम्मद कुरैशी, मुरली खंडेलवाल, स्वप्निल व्यास सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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