राममंदिर के निर्माण की मंशा कांग्रेस की रही है, प्रेस वार्ता में बोले सुरेश पचौरी

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(ख़बर हलचल न्यूज़, इन्दौर)

इंदौर। हम सभी धर्मों का सम्मान करते है और सन 1989 में राममंदिर के निर्माण के लिए शंकराचार्य जी तात्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी से मिले और उन्होंने भी मंदिर निर्माण का अभिमत रखा था। मंदिर बनें, यह कांग्रेस की भी इच्छा रही पर उभयपक्ष के साथ सामंजस्य स्थापित करके मंदिर निर्माण हो यह हम चाहते रहे। यह बात रविवार को इन्दौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने कही।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में यह भी कहा कि रामसेतु के अस्तित्व पर प्रश्न कांग्रेस ने नहीं लगाया बल्कि आरकोलोजी विभाग की सर्वे रिपोर्ट में उसके अस्तित्व को नकारा था, बाद में कांग्रेस ने ही सर्वे को पुनः करवा कर सही जानकारी दी थी।

प्रेस वार्ता में श्री पचौरी ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘पिछले चुनाव के मौके पर जो वादे भाजपा के द्वारा किए थे और जो वादे हमारी पार्टी ने किए थे उसमें हम तो नतीजे पर पहुंचे है पर भाजपा उन पर खरी नही उतर पाई है। ये डबल इंजन की सरकार फेल हो चुकी है। नरेंद्र मोदी ने जो वादे किए थे । उनके हाल बेहाल है। उन्होंने कहा था कि हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख डालेंगे, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे और आवास भी देंगे, एक करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे। इन सब बातो का आज तक क्या हुआ ?
श्री पचौरी यही नहीं रुके, उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बारे में कहा कि ‘शिवराज जी के बड़े वादे हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देंगे। महिला को फ्री बस सेवा करेंगे, पास पोर्ट सेवा फ्री में करवाएंगे। कर्ज से मुक्ति दिलाएंगे। इन वादों की हालत क्या है यह सब आपके सामने है।’
मीडिया के प्रश्न कि कांग्रेस भी अपने वादे नही निभाती है। इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने सबसे पहले किसानों के कर्ज माफ़ी के आदेश पर हस्ताक्षर किया।

कांग्रेस बूथ मैनेजमेंट की बजाएँ जीवंत सम्पर्क से चुनाव लड़ती है-सुरेश पचौरी

इन्दौर विधानसभा क्रमांक 1 की राजनीति पर हुए प्रश्न का जवाब देते हुए पचौरी ने कहा कि ‘हम सेक्टर बूथ लेवल मैनेजमेंट की बजाएँ, मतदाताओं से जीवंत संपर्क के आगे है।
एक नंबर में पैसा बंट रहा हैं, असामजिक लोगो का सहारा लिया जा रहा है। पैसे के बल पर यदि कोई पद राजनीति में हासिल कर लें तो टाटा और बिरला अच्छे पद पर होते है।
कांग्रेस के बागी उम्मीदवार बहुत कम है। भाजपा में ज्यादा है। जो भाजपा अपने अनुशासित होने का दावा करती थी, वो आज इस पर फ़ैल होती नजर आ रही है।

इस अवसर पर चुनाव प्रबंधन व्यवस्थाओ एवं समन्वय समिति के सदस्य कौमी एकता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सच सलूजा, संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया आदि मौजूद रहे।

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