असम में मिसिं जनजाति समुदाय के कृषि पर आधारित उत्सव आली: आई लृगांग

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राज्यों के विभिन्न जिले के साथ सिलापथार में रंगारंग माहौल

आसाम। असम के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ-साथ मिचिंग लोगों के निवास वाले सिलापथार में कृषि पर आधारित उत्सव अली आली: आई लृगांग है आज।
बीज सिंचाई के शुभ पर्व की शुरुआत पुराने नियम-कायदों से होती है। युवाओं से लेकर बच्चों तक रंग-बिरंगे जनजाति बस्त्र परिधानों में सजे ग्रामीण ढोल ताल और ओइनितम के बीच रंगारंग आली: आई लृगांग क्षेत्र।
आज फागुन मास का पहला बुधवार है। लिंगांग महोत्सव कृषि मिचिंग समुदाय के केंद्र में मनाया जाता है।
फागुन का पहला बुधवार हर साल पूरे असम प्रदेश में मनाया जाता है
अली आये लिगांग । आलू, कचू, लकड़ी आलू आदि जैसी भूमिगत फसलें की बुआई सुरुवात करने की एक पर्ब, जहा मिसिंग जनजाति लोग़ अपनी ईस्ट देवता को स्मरण करके अगली साल के खेत अच्छी फसलें की कामना करते है।
उत्सव के दिन गांव के युवक-युवतियों बुजुर्गों मिलकर मिसिंग जनजाति का परम्परागत बस्त्र पेहेन कर मुख्य गीत ओईनितम गा कर गुमराग नृत करते है और सामुहिक स्थान पर परम्परा अनुसार खाना खाते हुए दिखाई देता है।

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