डॉ रामदरश मिश्र, भाषा विज्ञानी कमलेश कमल सहित 6 साहित्यकार हुए सम्मानित

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दिल्ली। मंजुली प्रकाशन द्वारा आयोजित रामदरश मिश्र जी की पुस्तक “बाहर तो वसंत आ गया है” सहित 51 पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसी दौरान विश्व हिन्दी दिवस के इस अवसर पर साहित्य अकादमी सहित हिंदी के लगभग सभी सम्मान से सम्मानित प्रख्यात साहित्यकार, 95 वर्षीय रामदरश मिश्र को जहाँ विशेष रूप से सम्मानित किया गया, वहीं पिछले 15 वर्षों से भाषा-विज्ञान और व्याकरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे भाषा-विज्ञानी कमलेश कमल को भी उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कमलेश कमल हिंदी के लिए कार्य कर रही संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय महासचिव एवं विविध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक हैं, जिनके बेस्टसेलर उपन्यास ‘ऑपेरशन बस्तर : प्रेम और जंग’ को पाठकों द्वारा ख़ूब पसंद किया जा रहा है।

इस अवसर पर प्रख्यात मीडिया गुरु प्रोफेसर संजीव भानावत जी, दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ स्मिता मिश्र एवं डॉ संगीता शर्मा अधिकारी, राजभाषा अधिकारी, का भी सम्मान किया गया। सुश्री डॉ स्मिता मिश्र रामदरश मिश्र की सुपुत्री हैं एवं स्पोर्ट्स पत्रकारिता एवं साहित्यिक लेखन में एक चर्चित नाम है। इस अवसर पर इनकी दो पुस्तकें “साहित्य और समाज : विविध समय संदर्भ” और “मीडिया : एक अंतर्यात्रा” का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सभी सम्मानित साहित्यकारों को पुष्प गुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंट किया गया।

असम से आई निशा नंदिनी ‘भारतीय’ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकाशन की दुनिया में मंजुली प्रकाशन एक विश्वसनीय एवम जाना माना नाम है।

कार्यक्रम के अंत मे धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मंजुली प्रकाशन के निदेशक एवम ICMDR(Regd.) के ट्रस्टी श्री सुमित भार्गव (अधिवक्ता) ने जानकारी दी कि मंजुली प्रकाशन इस वर्ष विविध विषयों पर कई नए लेखकों की भी प्रकाशित होने का अवसर प्रदान करेगा।

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