दुधमुंही चंपक की मां की रिहाई के लिए पीएम मोदी से दखल की मांग

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CAA के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद जेल भेजे गए सामाजिक कार्यकर्ता एकता और रवि शेखर की रिहाई का मामला अब पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है। बहू और बेटे की रिहाई की मांग को लेकर बुजुर्ग मां शीला तिवारी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में मां शीला तिवारी ने अपनी मासूम पोती चंपक का जिक्र करते हुए लिखा हैं कि चंपक की मां एकता शेखर और पिता रवि शेखर 19 दिसंबर से जिला जेल में बंद है।

पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाते हुए दादी शीला तिवारी ने कहा कि मां से दूर रहने पर चंपक की तबियत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि चंपक जो केवल मां का दूध ही पीती थी उसको अब मजबूरी में बाहर का दूध दिया जा रहा जिससे उसकी सेहत बिगड़ती जा रही है। उन्होंने पत्र में लिखा कि मां से दूर चंपक बेहद परेशान है और चंपक के किसी सदमे या बीमारी की चपेट में आने से पहले यह जरुरी है कि कम से कम उसकी मां एकता को मानवीय आधार पर जेल से रिहा किया जाए। इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद मोदी से दखल देने की मांग की है। उनका कहना है कि मानवीय सरोकरों को ध्यान में रखते हुए चंपक की मां एकता को जेल से रिहा कर चंपक के पास पहुंचाया जाए।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में रवि और एकता शेखर की 19 दिसंबर को बनारस के बेनियाबाग में हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर उनको गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने और अब तक जमानत नहीं मिलने का जिक्र भी है। रवि शेखर की मां का कहना है कि उनका बेटा रवि घर से चंपक की दवा लेने के लिए निकला था और जिसके पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बेटे और बहू को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए शीला तिवारी ने कहा कि रवि और एकता पर्यावरण की बेहतरी के लिए समर्पित कार्यकर्ता है और दोनों पिछले एक दशक से लगातार शांतिपूर्ण आंदोलन प्रदर्शन में शामिल होते आ रहे है लेकिन कभी भी उनका नाम हिंसका गतिविधि में नहीं आया है। उन्होंने अपने बेटे और बहू समेत पूरे मामले में जेल में बंद 56 सामाजिक कार्यकर्ताओं को निर्दोष बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की है।

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